सिरोही में बनी थी प्रयागराज में स्थापित 12 फीट की अहिल्याबाई होलकर प्रतिमा, ऐसे हुआ था बारिकी से निर्माण

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Sirohi Marble Works: राजस्थान के सिरोही जिले की मूर्ति कला और मार्बल कारीगरी ने एक बार फिर देशभर में अपनी पहचान बनाई है. प्रयागराज में हाल ही में स्थापित 12 फीट ऊंची अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा सिरोही की त्रिवे…और पढ़ें
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यूपी के प्रयागराज में लगी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा
हाइलाइट्स
- अहिल्याबाई होलकर की 12 फीट प्रतिमा सिरोही में बनी.
- प्रतिमा अंबाजी वाइट मार्बल से तैयार की गई.
- त्रिवेदी कॉर्प ने कई राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स पर काम किया है.
सिरोही. जिले की मूर्ति कला और मार्बल कारीगरी राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां कई प्रसिद्ध इमारतें, मंदिरों और मूर्तियों के काम हो चुके हैं. हाल ही में अहिल्याबाई होलकर जयंती पर यूपी के प्रयागराज में करीब 12 फीट की अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का अनावरण किया गया था. ये प्रतिमा सिरोही जिले की एक फैक्ट्री में तैयार की गई थी.
जिले के मावल रीको ग्रोथ सेंटर फेज-2 स्थित त्रिवेदी कॉर्प में अंबाजी वाइट मार्बल से करीब 12 फीट की अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा को तैयार किया गया था. आधुनिक मशीनों से इस फैक्ट्री में इस विशाल मूर्ति को तैयार किया गया. इसमें कुछ दिन का समय लगा भी लगा. इकाई के प्रबंधक पवन यादव ने बताया कि इस मूर्ति को अंबाजी व्हाइट मार्बल से तैयार किया गया. 12 फीट की यह मूर्ति यूपी के प्रयागराज में लगाई गई है. जिसका अनावरण यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने किया था.
ये है अम्बाजी वाइट मार्बल की खासियत
अम्बाजी वाइट मार्बल की विशेषता इसका शुद्ध सफेद रंग है. जिसमें अक्सर सूक्ष्म ग्रे या बेज रंग की नसें होती हैं. इस मार्बल का रंग जल्द फीका नहीं पड़ता है. इस वजह से इसकी डिमांड भी ज्यादा रहती है. यह मार्बल खास तौर पर गुजरात के अम्बाजी क्षेत्र की पहाड़ी से निकाला जाता है. इस वजह से इसका नाम भी अम्बाजी वाइट मार्बल पड़ गया है. यह एक प्रकार का संगमरमर है, जो अपने शानदार सफेद रंग और अद्वितीय प्राकृतिक पैटर्न के लिए जाना जाता है.
यहां हो चुका है नए संसद भवन का भी काम
जिले की त्रिवेदी कॉर्प इकाई देश के बड़े प्रोजेक्ट के लिए पहचानी जाती है. नए संसद भवन के इंटीरियर से जुड़ा काम भी इस फेक्ट्री में हुआ है. इसके अलावा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अयोध्या से रामेश्वरम तक 290 जगहों पर लगने वाले श्री राम स्तम्भ भी यहां तैयार हुए हैं. इसके कई प्रसिद्ध मूर्तियों के काम भी इस फेक्ट्री में हो चुके हैं.