सावन की पहली सोमवारी कल, जानिए बिहार में कहां-कहां से जल लाकर भोले बाबा को चढ़ाते हैं कांवरिये
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सावन यानी श्रावण मास 2024 की शुरुआत सोमवार से होने जा रही है। 22 जुलाई को सावन का पहला सोमवार होने से बड़ी संख्या में कांवरिये जल लाकर शिवालयों में भोले बाबा को चढ़ाते हैं। बिहार में कांवड़ यात्रा का खास महत्व है। भागलपुर जिले के सुल्तानगंज स्थित अजगैवीनाथ धाम से लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगाजल लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम तक पैदल चलकर जलार्पण करते हैं। इसके अलावा बेगूसराय के हरिगिरि धाम, दरभंगा के कुश्वेरस्थान, मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ धाम पर भी लाखों श्रद्धालु श्रावण मास में उमड़ने वाले हैं। बिहार में कई जगहों पर कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। बड़ी संख्या में कांवरिये जल लेकर रवाना हो चुके हैं।
भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में सावन मास में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का आयोजन किया जाता है। यहां अजगैवीनाथ धाम से लाखों कांवरिया जल भरकर पैदल या अन्य साधनों से देवघर रवाना होते हैं और बाबा वैद्यनाथ धाम में जल चढ़ाते हैं। इसके अलावा कुछ भक्त भागलपुर में जल भरकर सीधे बासुकीनाथ, गोनू बाबा धाम, जेठोर नाथ धाम आदि जगह भी जाते हैं। सारण जिले के सोनपुर में स्थित पहलेजा घाट से भी लाखों कांवरिये जल उठाकर मुजफ्फरपुर में स्थित प्रसिद्ध बाबा गरीबनाथ धाम तक जाते हैं। पहलेजा में रविवार सुबह हजारों कांवरियों ने गंगाजल उठाया और कांवड़ यात्रा का संकल्प लेकर पैदल गरीबनाथ मंदिर के लिए रवाना हो गए। वे बिना रुके ही गरीबनाथ धाम की यात्रा करेंगे और आधी रात से ही जलाभिषेक शुरू हो जाएगा।
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इसी तरह शिव भक्त बेगूसराय के सिमरिया घाट से गंगाजल उठाते हैं और 108 किलोमीटर की दूरी तय करके दरंभगा जिले में स्थित कुशेश्वरस्थान पहुंचकर भोले बाबा का जलाभिषेक करते हैं। वहीं, कुछ भक्त सिमरिया से बाबा हरिगिरि धाम भी जलाभिषेक करने जाते हैं। किशनगंज शहर से 12 किलोमीटर दूर ओदरा घाट, डोंक नदी से कांवरिया जल लेकर प्रसिद्ध भूतनाथ गौशाला शिव मंदिर में श्रद्धालु भगवान भूतनाथ को सोमवार को जल अर्पित करते हैं। कटिहार में मनिहारी गंगा घाट से जल भरकर सालमारी स्थित बाबा गोरखधाम में अर्पित किया जाता है। यह कांवड़ यात्रा लगभग 70 किलोमीटर की होती है।
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वहीं, पटना के फतुहा से गंगा जल लेकर कांवरियों का जत्था हुलासगंज होते हुए जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड में बराबर पहाड़ी पर स्थित सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जल चढ़ाते हैं। नवादा जिले में शिव मंदिर में ही जलभरी होती है और उसी शिवलिंग पर जलाभिशेक करने की परंपरा है। जिले में प्रमुख शिव मंदिर शोभनाथ और साहब कोठी मंदिर हैं, जहां क्रमशः तालाब और चापाकल तथा कुंआ उपलब्ध हैं। शिव भक्त इससे ही जलभर कर भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं।