Published On: Fri, Jul 12th, 2024

सावधान! मॉनसून की बारिश के बीच बिहार में डेंगू पसार रहा पांव, पटना में 30 से अधिक हॉट स्पॉट


मानसून के समय बिहार में डेंगू एक महामारी के रूप में उभरती रही है। राज्य में पिछले 10 सालों से डेंगू का प्रकोप जारी है। खासकर पटना में पिछले साल तो डेंगू शहरवासियों पर कहर बनकर टूटा था। 19 मौत के अलावा 10 हजार लोग इससे ग्रसित हुए थे। पटना सिटी से दानापुर तक शायद ही कोई मोहल्ला डेंगू के प्रकोप से बचा था। इस बार भी हालात बहुत नहीं बदले हैं। 30 से अधिक मोहल्ले हॉट स्पॉट हैं। चिकनगुनिया का भी ग्राफ ऊपर बढ़ रहा है।

मॉनसूनी बारिश ने पटनावासियों को गर्मी से राहत तो दिलाई लेकिन इसके साथ ही उनके मन में डर भी भर दिया है। जगह-जगह हुए जलजमाव व मच्छरों के बढ़ते प्रकोप ने एक बार फिर डेंगू का डर भर दिया है। उनका कहना है कि मच्छरों को नियंत्रित करने में नगर निगम और सिविल सर्जन कार्यालय स्तर पर बरती जा रही लापरवाही एक बार फिर भारी पड़ सकती है। पिछले साल डेंगू से प्रभावित रहे मोहल्लों के निवासियों से बात करने पर उनकी यह चिंता सामने आई।

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पिछले वर्ष बांकीपुर, पाटलिपुत्र और कंकड़बाग अंचल के देा दर्जन से ज्यादा मोहल्ले डेंगू के हॉट बन गए थे। जगह-जगह हुआ जलजमाव इसका बड़ा कारण था। हालांकि डेंगू का प्रकोप पिछले वर्ष उन मोहल्लों में भी खूब रहा जहां अपेक्षाकृत जलजमाव कम था। बाजार समिति, पाटलिपुत्रा, आरपीएस मोड़, कंकड़बाग, बांकीपुर, आरपीएस मोड़, दानापुर ,पटना सिटी के लोहरवाघाट, दानापुर, स्टैंड रोड, दीघा-आशियानानगर, पटेल नगर, मसौढ़ी, पटना ग्रामीण, फुलवारीशरीफ, नया गांव, बांसकोठी, दीघा, गुलजारबाग, इंद्रपुरी, कुम्हरार, एक्जीबिशन रोड, जक्कनपुर, कंकड़बाग, चित्रगुप्त नगर, भागवत नगर, काली मंदिर रोड, विजय नगर, आदि शामिल हैं। इस बार भी इनमें से कई मोहल्ले में जलजमाव होने लगा है। 

बाजार समिति निवासी वरुण कुमार ने बताया कि बारिश के बाद बाजार समिति का बड़ा हिस्सा तालाब में तब्दील हो गया है। कई मोहल्ले में भी पानी जमा है। इससे मच्छरों का प्रकोप अचानक बढ़ा है। पिछले वर्ष यहां डेंगू का भारी प्रकोप था। एक छात्र की मौत भी हो गई थी। इस बार भी डेंगू फैलने का डर है।

लगातार बढ़ता गया डेंगू-चिकनगुनिया का ग्राफ

पिछले वर्ष डेंगू की शुरुआत 26 जुलाई को हुई थी। पहली मरीज कंकड़बाग के एक बड़े निजी अस्पताल में मिली थी। बाद में उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद फुलवारी से दो और कंकड़बाग से एक मरीज मिले थे। 10 सितंबर तक यह आंकड़ा 100 पहुंचा था। उसके बाद से लगातर डेंगू का प्रकोप बढ़ता गया। अक्टूबर के अंत तक डेंगू से 10 हजार से ज्यादा लोग ग्रसित हो चुके थे।

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