साल में सिर्फ 4 बार ही मिलता है मौका… जिस दरवाजे को पार करने से मिलती है जन्नत, कल जा रहा खुलने!

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Ajmer News: अजमेर में बकरीद के मौके पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का पवित्र जन्नती दरवाजा खोला जाएगा. यह दरवाजा साल में सिर्फ चार बार ही खुलता है. जायरीन इस दरवाजे से गुजरने को सौभाग्य मानते हैं. दरगाह प…और पढ़ें

बकरा ईद के मौके पर खोला जाएगा जन्नती दरवाजा
हाइलाइट्स
- अजमेर दरगाह का जन्नती दरवाजा कल खुलेगा.
- जन्नती दरवाजा साल में चार बार ही खुलता है.
- दरवाजे से गुजरने वाले को जन्नत नसीब होती है.
अजमेर. देशभर में मुस्लिम समुदाय का प्रमुख पर्व बकरीद (ईद-उल-अजहा) कल धूमधाम से मनाया जाएगा. इस पर्व को लेकर मुस्लिम समुदाय में काफी उत्साह और श्रद्धा का माहौल है. बाजारों में रौनक बढ़ गई है और मस्जिदों व दरगाहों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं. बकरीद को लेकर अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
जन्नती दरवाजा खुलने की खास परंपरा
अफशान चिश्ती ने आगे बताया कि दरगाह कमेटी और अंजुमन की ओर से ईद की नमाज और अन्य धार्मिक रस्मों के लिए पूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर दी गई हैं. जायरीन बड़ी संख्या में अजमेर पहुंच रहे हैं ताकि वे इस विशेष अवसर पर जन्नती दरवाजे से होकर गुजर सकें और दुआ कर सकें. उन्होंने बताया कि जन्नती दरवाजे से निकलना केवल आम जायरीन ही नहीं, बल्कि वीआईपी मेहमान भी अपनी खुशनसीबी मानते हैं. देश-विदेश से आने वाले जायरीन अपने-अपने सिर पर चादर और फूलों की टोकरी लिए इस दरवाजे से होकर गुजरते हैं.
चिश्ती ने बताया कि परंपरा के अनुसार दरगाह में स्थित जन्नती दरवाजा साल में 4 बार खुलता है. सबसे अधिक 6 दिन के लिए गरीब नवाज के उर्स के मौके पर दरवाजा खोला जाता है. इसके बाद एक दिन ईद-उल-फितर (मीठी ईद) पर, एक दिन ईद-उल-अजहा (बकरीद) के दिन और एक दिन ख्वाजा साहब के पीर हजरत उस्मान हारूनी के सालाना उर्स के अवसर पर यह दरवाजा खोला जाता है.
जन्नती दरवाजा पार करने को माना जाता है सौभाग्य
चिश्ती ने बताया कि मान्यता है कि जन्नती दरवाजे से जो कोई जायरीन ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत करता है, उसे जन्नत नसीब होती है. ख्वाजा गरीब नवाज में गहरी आस्था रखने वाले जायरीन जन्नती दरवाजे के खुलने का बेसब्री से इंतजार करते हैं.