सात लोगों के सुसाइड की कहानी: शाम 6.40 बजे पहुंचा परिवार, रात 10 बजे तक खड़ी रही कार; साली राखी ने खोला ये राज


सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग की जांच के लिए पुलिस ने फोरेंसिक लैब भेजा है। पुलिस उन फोन कॉल की भी जांच कर रही है, जो प्रवीन मित्तल को फाइनेंसरों की ओर की जा रही थी। सवाल यह उठता है कि शाम करीब 6.40 बजे ही परिवार जब सेक्टर-27 में पहुंच गया था। वहां लोगों के देखने से पहले ही तो जहर नहीं खा लिया था।
जहर खाकर मरने वालों में प्रवीन मित्तल (42), उनकी पत्नी रीना (38), मां विमला (71), पिता देशराज (72), जुड़वां बेटियां ध्रुविका और डलिशा (11), बेटा हार्दिक (14) शामिल था। मूलरूप से हिसार के रहने वाले प्रवीन मित्तल का परिवार साल 2007-2008 में देहरादून से पंचकूला शिफ्ट हुआ था।
यहां पहले प्रवीन मित्तल ने बैंक से लोन लेकर स्क्रैप की फैक्टरी लगाई, जिसमें करोड़ों का घाटा हो गया था। बैंक क्रप्ट होने के बाद प्रवीन ने देहरादून में फाइनेंसरों से कर्ज लेकर दूर एंड ट्रैवल का बिजनेस किया लेकिन वह भी नहीं चला। इसके बाद प्रवीन दोबारा पिंजौर शिफ्ट हो गए, लेकिन लगातार फाइनेंसरों के दबाव के बीच प्रवीन संकेतड़ी में 25 दिन पहले किराये पर मकान लेकर परिवार के साथ रहने आ गए थे।
भतीजे ने उठाया सवाल
प्रवीन के भतीजे अंकित मित्तल ने कहा कि साल 2007 में चाचा के ऊपर बैंक का कर्ज था। उन्होंने इस तरह का फैसला नहीं लिया। अब तो कर्ज के चलते सुसाइड का सवाल ही नहीं पैदा होता। अंकित ने बताया कि 30 अप्रैल को उसके चाचा पूरे परिवार के साथ भाई की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली आए थे। पूरा परिवार काफी खुश था। चाचा ने डांस भी किया। 10 मई को चाचा से बात हुई थी। उनको देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था, वह इतना बड़ा कदम उठा सकते हैं।