सरकार से नाराज हैं केके पाठक? फोन करके राजस्व विभाग से अपर मुख्य सचिव का अपना नेमप्लेट हटवाया
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भारतीय प्रशासनिक सेवा के बहुचर्चित पदाधिकारी और बिहार के अपर मुख्य सचिव केशव कुमार पाठक उर्फ केके पाठक ने राजस्व और भूमि सुधार विभाग के दफ्तर में लगा अपना नेमप्लेट हटवा दिया है। चर्चा है कि वो छुट्टी से लौटने के बाद राजस्व विभाग के एसीएस पद पर ज्वाइन नहीं करेंगे। सरकार ने छुट्टी पर जाने के बाद पाठक को शिक्षा विभाग से हटाकर राजस्व और भूमि सुधार का अपर मुख्य सचिव बनाया था। इस पद पर उन्हें छुट्टी से लौटकर योगदान देना है। सूत्रों के मुताबिक पाठक ने खुद दफ्तर में फोन करके अपना नेमप्लेट हटवाया है। कहा जा रहा है कि पाठक तबादले से नाराज हैं। 30 जून तक छुट्टी पर चल रहे पाठक के अगले कदम को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गई है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के तौर पर स्कूलों की व्यवस्था सुधारने के लिए कड़े फैसलों की वजह से किसी की तारीफ और किसी के हमले का केंद्र रहे पाठक का नीतीश सरकार ने 13 जून को ट्रांसफर कर दिया था। मई में गर्मी की वजह से छात्र-छात्राओं के स्कूल में ही बेहोश होने की घटनाओं के बाद नीतीश ने स्कूलों को 8 जून तक बंद रखने का आदेश दिया था। पाठक ने बच्चों को तो छुट्टी दे दी लेकिन शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी। कहा जाता है कि नीतीश इस बात से भी नाराज हो गए। बच्चों के बिना गर्मी में स्कूल बुलाने से टीचर अलग आंदोलित हुए।
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स्कूल बंदी से पहले टाइमिंग को लेकर भारी बवाल मचा रहा। गर्मी और लू की वजह से पाठक ने स्कूल सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक चलाने का आदेश दिया था। इस आदेश से टीचर से लेकर स्टूडेंट तक परेशान थे क्योंकि स्कूल समय पर पहुंचने के लिए सबको अंधेरी सुबह में जगना होता था। स्कूल जाने से पहले घर का काम निपटाने के लिए शिक्षिकाएं सुबह 3-4 बजे जग रही थीं। शिक्षक संघ ने तब दावा किया था कि समय पर स्कूल जाने की हड़बड़ी में बाइक एक्सीडेंट में दो टीचर की मौत हो गई। पाठक के तबादले के बाद शिक्षा के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने स्कूल खुलने का समय सुबह 6.30 बजे कर दिया है।
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केके पाठक के अगले कदम को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया है। इससे पहले भी महागठबंधन सरकार के दौरान जब एक बार केके पाठक छुट्टी पर गए थे तब भी अब क्या होगा जैसा माहौल बना था। लेकिन वापस लौटने पर उन्हें शिक्षा विभाग यथावत मिल गया था। केके पाठक के सामने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का एक विकल्प है। बार-बार विवाद से परेशान नीतीश इसकी सहमति भी दे सकते हैं। नई तैनाती वाले राजस्व विभाग के बदले सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देकर अगली पोस्टिंग का इंतजार करना भी एक विकल्प हो सकता है। ऐसे में सरकार को राजस्व विभाग में किसी नए एसीएस की तैनाती करनी होगी।
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केके पाठक छुट्टी से लौटने के बाद अगर राजस्व और भूमि सुधार विभाग में योगदान नहीं देते हैं तो उस सूरत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रुख सबसे अहम हो जाएगा। नीतीश अगर अपने पसंदीदा आईएएस अफसर केके पाठक की नाराजगी को दूर करने का मन बनाते हैं तो कुछ भी संभव है। लेकिन नीतीश कुमार ने अगर इसे अनुशासनहीनता के तौर ले लिया तो पाठक की मुसीबत बढ़ सकती है।