सबसे पहले दिल्ली में उगाई गई थी यह वनस्पति, किसानों का मित्र कम दुश्मन ज्यादा है ये पेड़

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इस कांटेदार वनस्पति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जहां पर भी एक बार अपने पैर पसार लेती है, फिर वहां पर यह अन्य किसी पेड़ को टिकने नहीं देती है. यही वजह है कि करौली शहर में यह विलायती बबूल जहां पर भी फैला हुआ है, वहां पर इसके अलावा कोई अन्य प्रजाति का पेड़, दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता है. करौली में आज भी यह विलायती पेड़ शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा दिखाई देता है. देखने में यह विलायती बबूल एकदम हरा-भरा होता है, लेकिन इसमें भारी मात्रा में पाए जाने वाला कांटा बेहद खतरनाक होता है.