सत्ता के लालच में बीजेपी के साथ चले गए, नीतीश कुमार पर अब तल्ख हो रहे तेजस्वी यादव

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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तल्ख होते जा रहे हैं। नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने इस साल जनवरी में आरजेडी का साथ छोड़कर एनडीए में वापसी की थी। इसके बाद बिहार में फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ एनडीए की सरकार का गठन किया। करीब 17 महीने सत्ता में रही आरजेडी फिर से विपक्ष में आ गई। हालांकि, तेजस्वी यादव ने सार्वजनिक रूप से नीतीश कुमार के बारे में तल्ख टिप्पणी नहीं की। वे अक्सर कहते हुए नजर आए कि नीतीश उनके अभिभावक जैसे हैं और बीजेपी ने उनको बरगला दिया है। हालांकि, अब उन्हें लेकर तेजस्वी के तेवर भी बदल रहे हैं।
आरजेडी के 28वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने गुरुवार को इशारों-इशारों में सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले हम सभी लोग जनता दल में थे। जनता दल के बिखराव के बाद उत्तर और दक्षिण भारत में समाजवाद को मानने वालीं पार्टियां बनीं। इसी के तहत राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी का गठन हुआ। इसी तरह दक्षिण में जेडीएस बनी। बिहार में भी एक और दल जेडीयू का गठन हुआ।
तेजस्वी कहा कि जनता दल से टूटकर कई दल बने, जो समाजवादी विचारधारा से हट गए। नीतीश कुमार की जेडीयू की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इन लोगों ने सत्ता के लालच में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से हाथ मिला लिया। मगर आरजेडी इकलौती ऐसी पार्टी है, जिसने आज तक बीजेपी के सामने घुटने नहीं टेके। हमारी लड़ाई शोषित, पीड़ित और कमजोर वर्ग की है। हम चाहते हैं कि इन लोगों को मुख्य धारा से जोड़ा जाए। आरजेडी माई (MY) के साथ बाप (BAAP) की भी पार्टी है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में आरजेडी का वोट शेयर 9 फीसदी बढ़ गया, जबकि एनडीए के वोट प्रतिशत में 6 फीसदी की गिरावट हुई। उन्होंने कहा कि आरजेडी शून्य से चार पर पहुंच गई, थोड़ी और मेहनत करते तो चार-पांच सीटें और जीत सकते थे। महागठबंधन ने इस लोकसभा चुनाव में 9 सीटें जीतीं। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। हमारे सबसे ज्यादा विधायक थे और सर्वाधिक वोट भी हमें मिले। उन्होंने सत्ताधारी दल पर 10-12 सीटों पर बेमानी करके आरजेडी को हराने का आरोप भी लगाया।
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तेजस्वी ने आगे कहा कि इस बीच जब हम लोगों को सत्ता में आने का मौका मिला तो हमने अपना संकल्प पूरा किया। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित गणना कराने के लिए लड़ाई लड़ी। महज 17 महीनों की महागठबंधन सरकार में बिहार के अंदर जाति गणना भी हुई और उसके आधार पर आरक्षण का दायरा भी बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया।