संसद में कैसे बोलना है, सुधा मूर्ति से सीखो; राज्यसभा के पहले भाषण ने इंटरनेट पर मचाई धूम
Sudha Murthy Speech: राज्यसभा में लेखिका सुधा मूर्ति के पहले ही भाषण की चर्चा जोरों पर है। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मुद्दों’ के चुनाव को लेकर मूर्ति का धन्यवाद किया। वहीं, सोशल मीडिया पर जनता भी उनके भाषण को जमकर सराह रही है। मांग उठने लगी है कि सदन में ऐसे ही प्रतिनिधियों की जरूरत है। मनोनीत सदस्य मूर्ति ने महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए टीकाकरण और पर्यटन से जुड़े दो मुद्दे मुठाए थे।
सोशल की जनता कर रही तारीफ
मूर्ति के भाषण को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जमकर शेयर किया जा रहा है। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर एक यूजर ने तो सांसदों को मूर्ति से भाषण देने की कला सीखने तक की सलाह दे दी। उन्होंने लिखा, ‘संसद में कैसे बोला जाता है? कैसे सवाल उठाए जाते हैं? कैसे अपने दिमाग का उपयोग देशहित में किया जाता है? कैसे अपना विजन विचार प्रस्तुत किया जाता है? ये सब सीखना है तो पहली बार राज्यसभा सांसद बनी सुधा मूर्ति से सीखिए। संसद में लफंगा गिरी नही चलेगी।’
priyathedentico नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘राज्यसभा में पहला भाषण देते सुधा मूर्ति को सुनें। एक रत्न और योग्य उम्मीदवार। वह सर्वाइकल कैंसर और भारत में पर्यटन पर बात कर रही हैं। नरेंद्र मोदी जी हमें अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए ऐसे ही लोगों की जरूरत है।’
Mahesh_SharmaDB नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘बकवासों के बीच देश के एक बहुत पड़े पेन एरिया पर काम की बात…।’ Anamikamber नाम की एक यूजर लिखती हैं, ‘संसद में सुधा मूर्ति जी का पहला भाषण सभी को एकबार जरूर सुनना चाहिए। प्रत्येक सांसद ऐसे अपनी बात रखने लगें तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।’ vinaykus ने लिखा, ‘सुधा मूर्ति जैसे सांसद राज्यसभा की गरिमा बचाए रखते हैं।’
सुधा मूर्ति ने उठाए दो मुद्दे
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए सुधा मूर्ति ने कहा कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे बचाव के लिए किशोरावस्था में इसके टीके लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा ‘हमारी सामाजिक व्यवस्था ऐसी है जिसमें महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पातीं। जब वे अस्पताल पहुंचती हैं तो उनमें सर्वाइकल कैंसर तीसरे या चौथे स्टेज पर होता है। उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है।’
उन्होंने कहा कि उनके पिता कहते थे कि महिलाएं परिवार का केंद्र होती हैं और महिला के निधन के बाद पति को तो दूसरी पत्नी मिल जाती है लेकिन बच्चों को दूसरी मां नहीं मिलती। सुधा मूर्ति ने कहा कि कोविड काल में जब व्यापक टीकाकरण अभियान चलाया गया तो महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए अभियान क्यों नहीं चलाया जा सकता। अगर सरकार हस्तक्षेप करे तो यह महंगा भी नहीं होगा। इससे बड़ी आबादी को लाभ होगा।’
उन्होंने पर्यटन का जिक्र करते हुए कहा कि लोग अक्सर अजंता, एलोरा, ताजमहल देखने जाते हैं। ”लेकिन भारत में 42 धरोहर स्थल हैं जिनका न तो अधिक प्रचार प्रसार किया गया है और न ही उनके बारे में लोगों को जानकारी है। यह हमारा देश है और हमें इसकी संस्कृति की जानकारी होनी चाहिए।’
सुधा मूर्ति ने कहा ‘दक्षिणी राज्यों में ही कई ऐसे स्थान हैं जिनका बेहद गौरवशाली इतिहास है। त्रिपुरा में उनाकोटी के बारे में कोई नहीं जानता जबकि यह स्थान 12,500 साल से भी अधिक पुराना है। कश्मीर का मुगल गार्डन धरोहर स्थल में शामिल नहीं है। इस ओर ध्यान देना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि गुजरात में लोथल और धौलावीरा, वाराणसी के पास सारनाथ, मध्य प्रदेश में मांडू का किला, कर्नाटक में श्रवण बेलगोला का मंदिर… ‘क्या नहीं है हमारे खूबसूरत देश में। हमें इसका अपेक्षित प्रचार प्रसार करना चाहिए, यहां सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए और इनके बारे में जागरुकता फैलाई जानी चाहिए।’
(एजेंसी इनपुट के साथ)