Published On: Tue, Dec 24th, 2024

संयुक्त राष्ट्र में बदलाव: ‘चुनौतियों से निपटने में UN के भीतर सुधार बेहद अहम’; वैश्विक संघर्षों के बीच भारत


India reiterates UN Reforms need amid global power conflicts PM Modi says aspiration action match vital

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय
– फोटो : एएनआई

विस्तार


विश्व निकाय के अगले वर्ष 80वीं वर्षगांठ पूरी करने के बीच भारत का जोर इस बात पर है कि मौजूदा एवं भावी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में संयुक्त राष्ट्र की ‘प्रासंगिकता’ बुनाए रखने के लिए इसमें सुधार ‘महत्वपूर्ण है। इस साल दुनियाभर नेताओं ने वैश्विक शासन में बदलाव और सतत कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। महासभा के उच्च स्तरीय 79वें सत्र में सभी ने ऐतिहासिक ‘भविष्य की संधि’ को सर्वसम्मति से अपनाया। इस दस्तावेज में शांति और सुरक्षा, सतत विकास से लेकर जलवायु परिवर्तन, डिजिटल सहयोग, मानवाधिकार, लैंगिक मामलों, युवा एवं भावी पीढ़ियों तथा वैश्विक शासन में परिवर्तन से जुड़े विषयों को शामिल किया गया है। भारत ने कहा, पुराने नियमों में सुधार अब बेहद जरूरी है।

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कार्रवाई व महत्वाकांक्षा में मेल होना चाहिए: मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में अपने संबोधन के दौरान कहा था, ‘सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है… वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल होना चाहिए।’ संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से मोदी ने ऐसे समय में परिवर्तन का आह्वान किया, जब दुनिया युद्ध-आतंकवाद, जलवायु संकट, आर्थिक असमानता और महिलाओं के अधिकारों पर हमलों समेत कई संघर्षों से जूझ रही है। भारत ने इनके लिए वार्ता-कूटनीति की पैरवी की है। भारत स्थायी सदस्यता का भी हकदार है।

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