संजौली मस्जिद की 3 मंजिलें गिराने का आदेश मिला, वक्फ बोर्ड को दी सूचना
![](https://net4newsonline.in/wp-content/uploads/2024/05/ad6-min.jpg)
संजौली मस्जिद की 3 मंजिलें गिराने का आदेश मस्जिद समिति को मिल चुका है। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इसके बारे में वक्फ बोर्ड को सूचित कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश की संजौली मस्जिद को गिराने का आदेश जारी हो चुका है। इस विषय में संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ ने बुधवार को कहा कि विवादास्पद मस्जिद की तीन मंजिलें गिराने के नगर निगम आयुक्त का आदेश मिल गया है। इसके बारे में वक्फ बोर्ड को भी इसकी सूचना दे दी गई है। आपको बता दें कि शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर को विवादित पांच मंजिला संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन अनधिकृत(अवैध) मंजिलों को गिराने का आदेश दिया था। इसके लिए वक्फ बोर्ड एवं मस्जिद समिति को आदेश लागू करने के लिए दो महीने का समय दिया था।
अनुमति मिलते ही ऊपरी मंजिलें गिरा दी जाएंगी
लतीफ ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि हमें संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के नगर निगम आयुक्त की अदालत के आदेश की प्रति मिली है। हमने आगे के निर्देश देने के लिए वक्फ बोर्ड को पत्र लिखा है जो मस्जिद की जमीन का मालिक है। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड से अनुमति मिलने के तुरंत बाद ऊपरी मंजिलों को गिराने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
मस्जिद समिति ने दो मंजिलें गिराने की खुद की थी पेशकश
मस्जिद समिति के अध्यक्ष ने कहा कि हमने 12 सितंबर को मस्जिद की दो अनधिकृत मंजिलों को गिराने की पहले ही पेशकश की थी और वक्फ बोर्ड से अनुमति लेने के बाद निगम आयुक्त को इस संबंध में एक प्रतिवेदन दिया था। आपको बता दें कि इससे एक दिन पहले संजौली इलाके में मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान 10 लोग घायल हो गए थे।
दो धड़े में बटा मुस्लिम समुदाय
स्थानीय मुस्लिम कल्याण समिति ने नगर निगम आयुक्त से अनधिकृत हिस्से को सील करने का आग्रह किया था और कहा था कि वे खुद अवैध हिस्से को गिरा देंगे। हालांकि राज्य में मुस्लिम निकाय शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को लेकर दो धड़ों में बंट गए थे। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन (एएचएमओ) ने कहा था कि वे अपीलीय प्राधिकरण की अदालत में फैसले को चुनौती देंगे और उच्चतम न्यायालय तक लड़ाई लडेंगे।
अदालत का आदेश तथ्यों के विपरीत
इससे पहले एएचएमओ के राज्य प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने कहा था कि जिन लोगों ने मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने का वचन दिया था, उनके पास ऐसा कोई भी प्रस्ताव देने का कोई अधिकार नहीं था। हाशमी ने यह भी कहा कि नगर निगम आयुक्त की अदालत का आदेश तथ्यों के विपरीत है।
इसलिए मस्जिद गिराने की करी पेशकश
इसके उलट लतीफ ने कहा था कि राज्य में शांति और भाईचारा सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद को गिराने की पेशकश करना एक बड़ा फैसला था। हमने वक्फ बोर्ड, जिले के समुदाय के प्रमुख लोगों, स्थानीय दुकानदारों और अन्य लोगों से बात की और सभी की राय थी कि शांति बनी रहनी चाहिए।