Published On: Mon, Jul 29th, 2024

श्रावणी मेला: दूसरी सोमवारी पर गरीबनाथ मंदिर में आस्था का जनसैलाब, रात भर हुआ शिव का जलाभिषेक


Sravani Mela 2024: सावन की दूसरी सोमवारी पर इस बार कांवरिया की संख्या दोगुनी रही। स्थानीय श्रद्धालु, कांवरिये व डाकबम को मिलाकर एक लाख से अधिक शिवभक्त बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचे। रात आठ बजे के बाद से ही कांवरियों की कतार लगनी शुरू हो गई। हरिसभा चौक से कांवरिये जिला स्कूल मैदान में बने जिगजैग होते हुए आ रहे थे। वहां से दो लेन में बनी बैरिकेडिंग के माध्यम से महिला-पुरुष श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा के दरबार की ओर बढ़ते रहे।

कांवरियों की कतार छोटी कल्याणी से ही बाबा गरीबनाथ मंदिर तक लग गई थी। रात 12 बजते-बजते रामदयालु तक भीड़ पहुंच गई। कांवरियों ने बताया कि हरिसभा चौक से बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुंचने में दो घंटे से अधिक का समय लग रहा है। उमसभरी गर्मी के बीच भी जलाभिषेक करने के लिए कांवरिये कतार में डटे रहे।

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गरीबनाथ सेवा मंच के सेवा शिविर का उद्घाटन

गरीबनाथ सेवा मंच के कांवरिया सेवा शिविर का उद्घाटन सकरी और तुर्की के बीच किया गया। मंच के मुख्य संरक्षक अरविंद अकेला ने बताया कि शिविर में भोजन, पानी, फलहारी आदि की व्यवस्था की गई है। मौके पर दल के संरक्षक रतन चौधरी, मनोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष नवीन कुशवाहा, चंदन झा आदि थे।

गरीबनाथ धाम है, किसी दिन भी करें जलाभिषेक

पंडित विनय पाठक ने बताया कि कांवरियों को लगातार माइक के जरिये बताया जा रहा है कि गरीबनाथ धाम है, इसलिए आप सावन के किसी दिन यहां पर जलाभिषेक कर सकते हैं। दिन हो या रात, इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ता। दूसरी सोमवारी पर इसका असर दिखा भी। काफी संख्या में कांवरिये दिन में जलाभिषेक किए।

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दिन में गर्भगृह में तो रात में अरघा पर जलाभिषेक

बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि रात नौ बजे तक कांवरिये बाबा के गर्भगृह में जाकर जलाभिषेक किए और उनका स्पर्श करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ। वहीं, 12 बजे से सोमवार तिथि को ध्यान में रखकर जलाभिषेक करने वाले कांवरिये अरघा पर जलाभिषेक और एलईडी टीवी के माध्यम से बाबा गरीबनाथ के दर्शन किए।

रात 12 बजे के बाद डाक बम का तांता

डाक कांवरियों का आना रात 12 बजे से शुरू हो गया। जिला प्रशासन उन्हें हरिसभा चौक से सीधा छोटी कल्याणी की तरफ रास्ता दे रहा था। डाक बम बैरिकेडिंग के बाहर से ही दौड़ते हुए मंदिर तक पहुंच रहे थे, ताकि उनका डाक टूटे नहीं। माखन साह चौक पर सेवादल उन्हें कंधे का सहारा देते हुए जलाभिषेक के लिए अरघा के समीप पहुंचा रहे थे।

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