शिवगंगा पोखर हो रहा दूषित और बदबूदार: स्थान करने वाले श्रद्धालुओं को रहती चर्म रोग की आशंका, गंगदी से पानी का रंग भी बदला – Darbhanga News

कुशेश्वरस्थान मिथिलांचल के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कुशेश्वरस्थान के शिवगंगा पोखर का पानी दूषित हो गया है। पोखर के पानी से बदबू आ रही है और पानी का रंग भी बदल गया है। कुशेश्वर नाथ महादेव की पूजा-अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को शिवगंगा पोखर के इसी दू
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न्यास समिति के पदाधिकारी और कर्मी शिवगंगा पोखर के दूषित पानी को साफ करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। जिससे स्थानीय शिव भक्तों में आक्रोश है।

पोखरा का पानी हो रहा गंदा।
सप्ताह में 2 दिन 10 हजार लोग पहुंचते हैं
कुशेश्वर नाथ महादेव मंदिर में प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। रविवार और सोमवार को संख्या 8 से 10 हजार तक पहुंच जाती है। यहां पूजा-अर्चना करने के लिए आने वाले अधिकांश श्रद्धालु शिवगंगा पोखर में स्नान करने के बाद ही बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं।
इसके अलावा स्थानीय लोग भी शिवगंगा पोखर में स्नान के साथ गंदे कपड़े भी साफ करते हैं। जाने अनजाने में लोग पोखर में कचरे भी फेंक दिया करते हैं। जिससे शिवगंगा पोखर का पानी दूषित हो गया है। समय-समय पर पोखरा की साफ-सफाई नहीं होने से इसका पानी दूषित तो हुआ ही पानी से बदबू भी आने लगी है।
साफ-सफाई के लिए चूना डाला गया
पोखर का पानी स्नान करने लायक नहीं रह गया है। फिर भी चली आ रही परंपरा के अनुसार श्रद्धालु शिवगंगा पोखर में स्नान कर ही भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। दूषित पानी में स्नान करने से लोगों को चर्म रोग की आशंका रहती है। लोग इसमें स्नान करने से कतरा रहे हैं। लोगों ने शिकायत भरे लहजे में कहा कि मंदिर से न्यास समिति को विभिन्न श्रोतों से अच्छी खासी आमदनी होती है। फिर भी न्यास समिति नियमित अंतराल पर शिवगंगा पोखर की साफ-सफाई नहीं करा पा रही है।
न्यास समिति के सचिव विमल चंद खां ने बताया कि शिव रात्रि पर पोखर की साफ-सफाई कर चूना डाला गया था। अब फिर से पोखरा में पड़े कचरा को साफ कर चूना डाल दिया जाएगा।