शिमला में मस्जिद के करीब तक पहुंच गई थी भीड़, मुश्किल से काबू हुए हालात; खूब हुई नारेबाजी
हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली इलाके में विवादित मस्जिद को ढहाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरीकेड तोड़ दिए। इसके बाद सुरक्षा बलों ने उन पर लाठीचार्ज की। इसके जवाब में आंदोलनकारियों ने पत्थरबाजी भी की। जय श्री राम और हिंदू एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी सब्जी मंडी ढल्ली में जमा हुए थे। गुस्साई भीड ने प्रशासन द्वारा लगाई गई धारा 163 का आदेश नहीं माना। लोग अपना विरोध दर्ज कराने के लिए संजौली की ओर कूच करने लगे। इस बीच गुस्साई भीड़ ने ढल्ली सुरंग के पास लगाए बैरीकेड तोड़ दिए।
कमल गौतम समेत कई प्रदर्शनकारी हिरासत में
हिंदू समूहों के बुलाने पर जमा हुई भीड़ संजौली में घुसी और मस्जिद के पास लगे दूसरे बैरीकेड भी तोड़ दिए। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने हिंदू जागरण मंच के सचिव कमल गौतम समेत कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया। इसके बाद मस्जिद के पास फिर से बैरीकेड लगा दिए गए, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने वहां से हटने से इनकार कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। कई महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हुईं। इन लोगों ने बैरीकेड तोड़ने से पहले ढल्ली में हनुमान चालीसा का पाठ किया।
सुनवाई तक मस्जिद सील करने की मांग
प्रदर्शनकारियों के नेताओं में से एक विजय शर्मा ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई से इलाके में अशांति का माहौल है। उन्होंने कहा कि यह मामला 14 वर्ष से अटका हुआ है और अदालत में सुनवाई की अगली तारीख पांच अक्टूबर है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सुनवाई समाप्त होने तक ढांचे को सील किया जाए। राज्य में आ रहे सभी बाहरी लोगों का पंजीकरण किया जाए और आबादी के आधार पर विक्रेता नीति बनायी जाए जिसमें 95 प्रतिशत लाइसेंस हिंदुओं को दिए जाए।
प्रदर्शनकारियों ने लगाए आरोप
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है और अब उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस कार्रवाई में कुछ प्रदर्शनकारियों को चोटें आयी हैं। प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में एक महिला पुलिसकर्मी को भी चोटें आयी हैं।
धारा 163 लागू, पुलिस ने संभाला मोर्चा
संजौली इलाके की मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर बढ़ते तनाव और विवादित ढांचा गिराने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों के बंद के आह्वान के बीच संजौली और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अतुल वर्मा समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। शिमला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा आदेश जारी किए है जिसके तहत पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने और हथियार रखने पर रोक है।
मंत्री विक्रमादित्य बोले- यह केवल एक ढांचे का मामला नहीं है
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शांति बनाये रखने की अपील की और कहा कि राज्य सरकार मस्जिद के संबंध में विवाद पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी। वे बोले कि यह केवल एक ढांचे का मामला नहीं है बल्कि ऐसे 4,000-5,000 से अधिक अधिक ढांचे हैं। पिछले 14 वर्ष से यह मामला नगर निगम आयुक्त की अदालत में लंबित रहा है और मामले की सुनवाई तेज करने के प्रयास किए जाएंगे।
नेता विपक्ष ने दी चेतावनी
विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने भी प्रदर्शनकारियों से कानूनों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अवैध मस्जिद का मामला बहुत संवेदनशील है। इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। मामले पर तेजी से सुनवाई होनी चाहिए, क्योंकि इससे राज्य के अन्य हिस्सों में भी तनाव फैल सकता है।
सीएम सुक्खू बोले- इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा था कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन किसी भी समुदाय के किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।