शाह की कानून मंत्री के साथ मीटिंग, फिर नड्डा के साथ धनखड़ से मिले, माजरा क्या है?

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दिल्ली में अमित शाह, अर्जुन राम मेघवाल, जेपी नड्डा और उपराष्ट्रपति धनखड़ की हाई-प्रोफाइल मीटिंग्स से सियासी हलचल बढ़ी. जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की रणनीति पर चर्चा हो रही है.

दिल्ली में बुधवार शाम हाई प्रोफाइल मीटिंग का दौर रहा.
हाइलाइट्स
- शाह, मेघवाल, नड्डा और धनखड़ की हाई-प्रोफाइल मीटिंग्स हुईं.
- जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है.
- शाह और नड्डा की बैठकों से बड़े निर्णय की संभावना.
राजधानी दिल्ली में मंगलवार शाम एक के बाद एक हाई-प्रोफाइल मीटिंग ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी. पहले गृह मंत्री अमित शाह और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात हुई, फिर शाह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के आवास पहुंचे. वहां से लौटने के बाद शाह और नड्डा रात तक फिर से शाह के निवास पर बैठे. लगातार हो रही इन मुलाकातों के पीछे का मकसद क्या है? यही सवाल अब राजनीतिक गलियारों में तेजी से घूम रहा है.
क्या है असली मुद्दा?
सूत्रों की मानें तो सरकार और बीजेपी नेतृत्व अब सुप्रीम कोर्ट के एक सिटिंग जज जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर रणनीति बना रही है. यह वही जस्टिस वर्मा हैं, जिनके फैसलों और टिप्पणियों को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ भी इन्हें लेकर काफी मुखर रहे हैं. वह पहले भी जस्टिस वर्मा जैसे कुछ न्यायाधीशों की कार्यशैली पर सार्वजनिक मंचों से गंभीर सवाल उठा चुके हैं. ऐसे में उनके आवास पर शाह और नड्डा की मौजूदगी, एक संवैधानिक पहल की तैयारी की ओर इशारा कर रही है.
धनखड़ न केवल विधायी प्रक्रिया में सक्रिय रहते हैं, बल्कि न्यायपालिका और विधायिका के टकराव पर भी खुलकर बोलते रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में उन्होंने जजों की जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर कई बार सार्वजनिक मंचों से अपनी राय रखी है. यह भी माना जा रहा है कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई की जा सकती है.
नड्डा की मौजूदगी क्यों अहम?
राजनीति के जानकारों के मुताबिक- जेपी नड्डा का शाह के साथ बार-बार बैठना और फिर उपराष्ट्रपति के साथ जाना दिखाता है कि यह मसला केवल संवैधानिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक रणनीति से भी जुड़ा हुआ है. भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अगर महाभियोग की कार्रवाई होती है, तो उसमें राजनीतिक रूप से नुकसान न हो और विपक्ष को एकजुट होने का मौका न मिले.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
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