Published On: Sun, Jan 5th, 2025

शागिर्द बाबर के एनकाउंटर का बदला लेने आया था सुशील: कई पुलिस वाले डैकेत के निशाने पर थे, बिखरती गैंग, दबदबा बचाने के लिए लौटा था – Purnia News


बिहार के कुख्यात और 2 लाख के इनामी डकैत सुशील मोची को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। शनिवार की अहले सुबह पुलिस और सुशील मोची के गैंग के बीच मुठभेड़ हुई थी। 3 महीने पहले उसके शागिर्द बाबर को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बाद सुशील का

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इलाके में अपनी पकड़ फिर से मजबूत करने के लिए सुशील मोची दोबारा एक्टिव होना चाह रहा था। कुछ पुलिस वाले भी उसके निशाने पर थे। इसी को लेकर सरगना अपनी गैंग के बदमाशों को लेकर हथियारों के साथ बायसी के ताराबाडी पहुंचा था।

हालांकि कुख्यात सुशील मोची अपने इरादों को अंजाम देता, इससे पहले ही पुलिस को इसकी भनक लग गई। पुलिस ने शनिवार को सुशील को घेरा, लेकिन उसने पुलिस वैन पर फायरिंग कर दी। कुख्यात और उसके गैंग की ओर से करीब 20 जबकि जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर से 12 राउंड फायरिंग की गई। गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच 5 गोली कुख्यात सुशील मोची को लगी और वो मारा गया। इसका आतंक बंगाल तक फैला हुआ था।

गैंग के 40 गुर्गों ने छोड़ दिया साथ

एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि ‘3 महीने पहले बीते 7 अक्टूबर 2024 को पूर्णिया के अमौर के गरहरा गांव में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए गए शागिर्द मोहम्मद बाबर की मौत की खबर ने कुख्यात सुशील मोची को अंदर तक झकझोर दिया था। वो पहले से काफी कमजोर हो चुका था। गैंग में शामिल बदमाश पुलिस के डर से गैंग छोड़ रहे थे। अब कुख्यात सुशील मोची का गैंग पहले की तरह मजबूत नहीं रह गया था।

40 से अधिक बदमाशों वाले इस गैंग में बमुश्किल दर्जन भर साथी रह गए थे। इससे पहले ही पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज की पुलिस ने सुशील के गैंग के दर्जन भर बदमाश और उसकी पत्नी को जेल में बंद कर दिया था।

पुलिस को देखते ही सुशील ने फायरिंग शुरू कर दी।

पुलिस को देखते ही सुशील ने फायरिंग शुरू कर दी।

कमजोर होने के बाद सुशील मोची के पास थे तीन मकसद

ऐसे में सुशील मोची के पास महज तीन ही मकसद रह गए थे। पहला- गैंग में फिर से जान फूंकना। दूसरा- बायसी में में दोबारा से अपने नाम का आतंक पैदा करना। तीसरा- शागिर्द मोहम्मद बाबर के एनकाउंटर में शामिल बायसी और अमौर के कुछ पुलिस वालों से बदला लेना था।

इन तीनों ही मकसद को पूरा करने शुक्रवार रात कुख्यात सुशील मोची बायसी के ताराबाड़ी पहुंचा था। मगर पुलिस को इसकी भनक लग गई और खुद ही मुठभेड़ में जान गंवा बैठा। सुशील मोची पर 2 लाख का इनाम रखा गया था, जिसमें पूर्णिया में 1 लाख और कटिहार और किशनगंज में 50-50 हजार का इनाम शामिल था।

एनकाउंटर के दौरान सुशील के 5 गुर्गे भाग निकले।

एनकाउंटर के दौरान सुशील के 5 गुर्गे भाग निकले।

सुशील मोची के गैंग पर लूट, डकैती, हत्या समेत 36 मामले थे दर्ज

सुशील मोची, पूर्णिया के अनगढ थाना क्षेत्र इलाके का रहने वाला था। सीमांचल ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल में भी अपना गैंग बना कर रखा था। सुशील मोची गैंग वारदात को अंजाम देने से पहले वहां की रेकी करता था और फिर वहां पहुंचकर रात के अंधेरे में वारदात को अंजाम देता था। कुख्यात सुशील खुद का गैंग चलाता था। इस गैंग पर लूट, डकैती, हत्या समेत 36 संगीन मामले दर्ज हैं।

3 साल पहले 10 मार्च 2022 को कटिहार के बारसोई थाना क्षेत्र के पुआल गांव में आधे दर्जन से अधिक हथियारबंद बदमाशों ने व्यवसायी अभिराम दास के घर पर डाका डालकर लाखों के जेवरात समेत नगदी की लूट की थी। पुलिस ने सीमांचल के कुख्यात सुशील मोची गैंग के सरगना समेत तीन को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके पास से 6 लाख से अधिक नगदी समेत लूट के जेवरात भी बरामद किए थे।

2 साल पहले 16 फरवरी की रात अमौर थानाक्षेत्र के खाड़ी महीनगांव के मुखिया साबिर आलम के घर डकैती की साजिश रची थी। नकाबपोश डकैतों ने 20 से 25 की संख्या में बम, हथियार एवं बंदूक नोक पर खिड़की तोड़ कर घर में घुसकर परिजन को बंधक बना लगभग 5 लाख नगद सहित जेवरात व समान अपने साथ ले गए थे। सुशील मोची लूट कांड का मुख्य आरोपी था। वो काफी वक्त से कटिहार जेल में बंद था। हाल में ही वो जेल से रिहा हुआ था।

पुलिस ने सरेंडर को कहा, कुख्यात ने की फायरिंग

एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि सुशील मोची उर्फ सुशील राम अपने गिरोह के सदस्यों के साथ किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बायसी थाना क्षेत्र में आने वाला है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने खुद अपने नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। इसी दौरान पुलिस को क्लू मिला कि 4 जनवरी के तड़के सुशील मोची अपने गिरोह के सदस्यों के साथ ताराबाड़ी इलाके में और कनकई नदी के किनारे आसपास के क्षेत्र में घूम रहा है।

सुशील मोची का आतंक बंगाल तक फैला था। फाइल फोटो

सुशील मोची का आतंक बंगाल तक फैला था। फाइल फोटो

वो किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। पुलिस टीम कनकई नदी के किनारे पहुंची। तभी, पुलिस की गाड़ी को देखते हुए सुशील मोची और उसके गिरोह के सदस्य पुलिस टीम पर गोलीबारी करने लगे। पुलिस की ओर से सुशील मोची और उसके साथ 5 से 6 की संख्या में मौजूद अपराधियों से बार-बार सरेंडर करने की अपील की गई, लेकिन बदमाश नहीं माने और पुलिस पर गोलीबारी जारी रखी।

इसके बाद पुलिस की ओर से फायरिंग की गई, जिसमें कुख्यात सुशील मोची उर्फ सुशील राम मारा गया। उसके साथ घटना के वक्त मौजूद 5 से 6 अपराधी भागने में सफल रहे।

एक साल पहले लोगों ने डकैत को पकड़कर पीटा था

एसपी ने बताया कि डकैत सुशील मोची और उसके गिरोह के सदस्य पिछले साल जून महीने में ताराबाड़ी गांव में एक डकैती की घटना को अंजाम देने पहुंचे थे। मगर ग्रामीणों ने सुशील मोची को पकड़ लिया था और उसे खूब पीटा था। हालांकि इसके बाद उसने एक व्यक्ति को बांह में गोली मारी और भागने में कामयाब हो गया था।

3 महीने में 2 एनकाउंटर

3 महीने के भीतर पूर्णिया पुलिस की ओर से की गई ये दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले बीते 7 अक्टूबर 2024 को पूर्णिया के अमौर के गरहरा गांव में कुख्यात बाबर को STF और पूर्णिया पुलिस की टीम ने टॉर्च की रोशनी में एनकाउंटर किया था। बाबर पर 3 लाख का इनाम था। ये कार्रवाई देर रात करीब 2 बजे अमौर में धान इलाके के खेत में हुई थी।

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