Published On: Mon, Jul 15th, 2024

शहीद के पेरेंट्स-पत्नी को इंश्योरेंस फंड के 50-50 लाख मिले: आर्मी बोली- पेंशन पत्नी को मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें नॉमिनी बनाया था


नई दिल्ली12 घंटे पहले

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शहीद अंशुमान के माता-पिता से दैनिक भास्कर ने 12 जुलाई को बात की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बहू स्मृति कीर्ति चक्र लेकर चले गई। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा। - Dainik Bhaskar

शहीद अंशुमान के माता-पिता से दैनिक भास्कर ने 12 जुलाई को बात की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बहू स्मृति कीर्ति चक्र लेकर चले गई। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा।

सियाचिन में सेना के टेंट में आग लगने से 19 जुलाई 2023 को शहीद हुए देवरिया के कैप्टन अंशुमान के परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड से 1 करोड़ रुपए दिए गए। यह रकम अंशुमान के पेरेंट्स और उनकी पत्नी में आधी-आधी बांटी गई।

शहीद के माता-पिता ने कहा था- बेटे को मिले मरणोपरांत कीर्ति चक्र को बहू ने छूने भी नहीं दिया। बेटे के जाने के बाद बहू सम्मान लेकर चली गई। हमारे पास कुछ नहीं बचा। आर्मी को शहीद के परिवार को मिलने वाली वित्तीय सहायता के नियमों में बदलाव करना चाहिए।

इसे लेकर आर्मी के सूत्रों ने कहा है कि आर्मी की ओर से पेरेंट्स को 50 लाख और पत्नी को 50 लाख दिए जा चुके हैं। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक शहीद की पेंशन उनकी पत्नी स्मृति को ही मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें नॉमिनी बनाया था।

इसके अलावा UP सरकार ने भी परिवार को 50 लाख रुपए दिए थे। इसमें से 15 लाख माता-पिता और 35 लाख रुपए पत्नी स्मृति को दिए गए थे। इसके बावजूद शहीद के पेरेंट्स ने कहा था कि वित्तीय सहायता के नियमों में बदलाव होना चाहिए।

आर्मी ने कहा- शहीद के पिता रिटायर्ड JCO, उन्हें पेंशन मिलती है
आर्मी के एक अधिकारी ने कहा- कैप्टन अंशुमान मार्च 2020 में आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में शामिल हुए थे। पत्नी स्मृति को आर्मी के ज्यादा बेनिफिट इसलिए मिल रहे हैं, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें अपना नॉमिनी बनाया था। साथ ही बताया कि अंशुमान के पिता आर्मी में रिटायर्ड JCO हैं। उन्हें पेंशन और आर्मी की अन्य सुविधाएं मिलती हैं।

ऐसे मुद्दे आर्मी के सामने पहले भी आए हैं, खासकर तब जब शहीद के माता-पिता उन पर आश्रित होते हैं, लेकिन आर्मी यूनिट ऐसे मुद्दों को निपटा लेती है। अंशुमान का मामला अलग है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि उनके पिता भी सेना में रह चुके हैं।

आर्मी में PF और पेंशन के नियम

  1. आर्मी के अधिकारियों ने बताया कि जब एक अधिकारी सेना में नियुक्त होता है, तो वह आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (AGIF), प्रॉविडेंट फंड (PF) के लिए सबसे करीबी नॉमिनी का नाम देता है। इंश्योरेंस फंड और प्रॉविडेंट फंड के लिए एक से ज्यादा नॉमिनी दिए जा सकते हैं, लेकिन पेंशन के लिए ऐसा कोई विकल्प आर्मी की ओर से नहीं दिया जाता है।
  2. आर्मी जॉइन करने के समय ऑफिसर्स ज्यादातर अविवाहित होते हैं। ऐसे में पहले माता-पिता ही नॉमिनी होते हैं, लेकिन ऑफिसर्स की शादी के बाद, इसे अपडेट करने के लिए कहा जाता है। इश्योरेंस फंड और PF में पत्नी और माता-पिता के बीच रकम को आधा-आधा बांटा जा सकता है, लेकिन पेंशन के मामले में एक ही नॉमिनी बनाया जा सकता है और अंशुमान ने अपनी पत्नी को बनाया था।
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह को 5 जुलाई को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। उनकी पत्नी और मां ने इसे स्वीकार किया था।

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह को 5 जुलाई को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। उनकी पत्नी और मां ने इसे स्वीकार किया था।

पत्नी ने कहा था- एक कॉल ने 50 साल के सपने तोड़ दिए
सम्मान समारोह के बाद स्मृति ने कहा- अंशुमान के शहीद होने का कॉल आया था। इस कॉल ने 50 साल के सपने तोड़ दिए थे। कैप्टन अंशुमान बहुत सक्षम थे। वे अक्सर कहा करते थे, मैं अपने सीने पर गोली खाकर मरना चाहता हूं। मैं आम आदमी की तरह नहीं मरना चाहता, जिसे कोई जान ही न पाए।

इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन हमारी मुलाकात हुई थी। यह पहली नजर का प्यार था। एक महीना ही बीता था कि उनका चयन AFMC में हो गया। वे सुपर इंटेलिजेंट शख्स थे। हम सिर्फ एक महीना ही रूबरू मिले। फिर आठ साल तक दूरी रही, लेकिन रिश्ता बना रहा।

फरवरी, 2023 में हमने शादी कर ली। दुर्भाग्य से शादी के दो महीने बाद ही उनकी सियाचिन में पोस्टिंग हो गई। 18 जुलाई, 2023 को हमारी लंबी बातचीत हुई थी कि अगले 50 साल में हमारी जिंदगी कैसी होगी। अपना घर होगा। हमारे बच्चे होंगे …और भी बहुत कुछ। 19 जुलाई की सुबह मैं एक फोन कॉल से उठी। उधर से आवाज आई…कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए।

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सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के कई टेंट में आग लग गई। हादसे में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए। अंशुमान सिंह की 5 महीने पहले 10 फरवरी को शादी हुई थी। कैप्टन अंशुमान 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। अंशुमान मूल रूप से देवरिया के रहने वाले थे। पूरी खबर पढ़ें…

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