Published On: Tue, Dec 17th, 2024

शंभू बॉर्डर को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: कमेटी अंतरिम रिपोर्ट पेश कर चुकी, डल्लेवाल को मेडिकल सुविधा देने के दिए थे निर्देश – Punjab News


किसान 10 महीने से शंभू बॉर्डर पर बैठे हैं। उन्हें रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई है।

किसान आंदोलन की वजह से 10 महीने से बंद हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसमें हाई पावर कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट के साथ 22 दिनों से मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पर भी सुनवाई संभव है।

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इससे पहले 13 दिसंबर को सुनवाई हुई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इनकार करते हुए हाई पावर कमेटी को निर्देश दिया कि वह किसानों को समझाए कि अपना प्रदर्शन हाईवे की बजाए दूसरी जगह शिफ्ट करें या कुछ समय के लिए स्थगित करें।

इस दौरान कोर्ट ने डल्लेवाल की सेहत पर चिंता जताते हुए पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह उन्हें तुरंत मेडिकल सुविधा दें। अनशन तुड़वाने के लिए डल्लेवाल से कोई जबरदस्ती न हो।

15 दिसंबर को खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात करने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और केंद्र से अधिकारी पहुंचे थे।

15 दिसंबर को खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात करने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और केंद्र से अधिकारी पहुंचे थे।

शंभू बॉर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से जुड़ी 3 अहम बातें

1. कमेटी बनाई, एक लेन खोलने को कहा

जुलाई महीने में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते के भीतर शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा था कि बैरिकेड हटाएं। किसानों की मांग केंद्र सरकार से है। इसलिए उन्हें दिल्ली की तरफ जाने की छूट दे देनी चाहिए। इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सरकार ने दलील थी कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रास्ता बंद किया हुआ है।

सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने हाई पावर कमेटी बनाई। कोर्ट ने कहा था कि कमेटी को आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचकर अपने ट्रैक्टर हटाने का अनुरोध करना चाहिए। कमेटी में पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल हैं।

2. कमेटी ने रिपोर्ट दी, किसान बातचीत नहीं कर रहे

13 दिसंबर को हाई पावर कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट पेश की थी। कमेटी ने बताया कि कई बार किसान नेताओं को बुलाया, लेकिन वे नहीं आए। 11-12 सितंबर को चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव और DGP की बैठक बुलाई गई। इसमें सुझाव दिया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के कोऑर्डिनेटर जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव सरवण सिंह पंधेर को बैठक के लिए बुलाया जाए।

दोनों से बैठक के लिए सुविधाजनक तारीख और समय बताने का अनुरोध किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। 18 अक्टूबर को हरियाणा निवास में बैठक करने का निमंत्रण भेजा गया। किसान नेताओं ने कमेटी के साथ चर्चा के लिए आने में असमर्थता जताई।

3. डल्लेवाल को डॉक्टरी मदद के आदेश

डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र और पंजाब सरकार को आदेश दिया कि डल्लेवाल को डॉक्टरी मदद दी जाए। कोर्ट ने डल्लेवाल को आमरण अनशन तोड़ने के लिए निर्देश दिया और कहा कि उनका जीवन कीमती है।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 15 दिसंबर को पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मिलने के लिए पहुंचे।

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किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा में किसानों का ट्रैक्टर मार्च

शंभू-खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार (16 दिसंबर) को हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। हिसार, सोनीपत, चरखी दादरी, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला में किसानों ट्रैक्टर मार्च निकाल प्रदर्शन किया। पूरी खबर पढ़ें…

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