Published On: Wed, May 28th, 2025

वो चौराहा जहां से तय होता है समीकरण… कुएं से शुरू हुआ किस्सा, आज है सियासत का सिंहासन!


दौसा. दौसा जिले में अनेक राजाओं, उनके परिवारों और रखवालों के द्वारा कई महलों का निर्माण कराया गया. उन्हीं के द्वारा बनाए गए किलों, चौराहों, सड़कों और गांवों के नाम भी उनके नाम पर रखे गए. आज भी वे स्थान उन्हीं नामों से पहचाने जाते हैं और लगातार विकसित हो रहे हैं. लेकिन इस बार हम दौसा जिले के सिकराय उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत घूमना के कड़ी की कोठी चौराहे की बात कर रहे हैं. जहां कभी पानी के लिए एक कुंई बनाई गई थी. आज उसी के नाम से यह चौराहा विख्यात हो गया है.

घूमना निवासी शिवजी मीणा ने बताया कि एक विधवा महिला द्वारा अपनी पहचान के लिए चौराहे पर पानी की सुविधा के लिए एक कुंई का निर्माण करवाया गया. लोग उस कुंई से पानी पीते थे. उसी के पास से एक रास्ता गुजरता था. जिससे लोग पैदल गीजगढ़ कस्बे, दौसा, जयपुर और बांदीकुई तक जाते थे. उस समय बैलगाड़ी और ऊंटगाड़ी का चलन था. इस कुंई ने चौराहे को पहचान दी और धीरे-धीरे इस स्थान का नाम कड़ी की कोठी चौराहा पड़ गया.

चुनाव के दौरान होती है निर्णायक सभा, हेलीकॉप्टर जरूर आता है
स्थानीय निवासी कालूराम ने बताया कि इस चौराहे पर अब राजनीतिक पार्टियों की बड़ी सभाएं होती हैं. मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की सभा यहीं होती है. मेघालय राज्य के नेता पीए संगमा और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी यहां सभा कर चुके हैं. प्रत्येक चुनाव में यहां छोटी-बड़ी सभाएं आयोजित होती हैं. इन सभाओं के बाद कई बार राजनीतिक फैसले लिए जाते हैं. इस चौराहे पर आयोजित हर बड़ी सभा में हेलीकॉप्टर जरूर आता है. नेता यहां हेलीकॉप्टर से आना पसंद करते हैं.

चौराहे पर महादेव का प्राचीन स्थान
जयसिंहपुरा निवासी धीरु मीणा ने बताया कि चौराहे पर सिद्धेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है. लोग यहां पूजा-अर्चना करते हैं. हर साल यहां भागवत कथा का आयोजन होता है. हजारों की संख्या में लोग प्रसादी ग्रहण करते हैं. भागवत कथा में रोजाना झांकियां सजती हैं और धार्मिक कार्यक्रम होते हैं.

अब चौराहे पर उपलब्ध हैं सारी सुविधाएं
स्थानीय निवासी रामकिशोर मीणा ने बताया कि पहले जिस कुंई के नाम पर यह चौराहा था, आज वह एक बड़ा व्यावसायिक केंद्र बन चुका है. चौराहे पर सैकड़ों पक्की दुकानें बन चुकी हैं. दिनभर चहल-पहल बनी रहती है. हालांकि अब कुंई चौराहे पर नहीं है. थोड़ी दूरी पर स्थित है. लेकिन चौराहा आज भी उसी नाम से जाना जाता है.

यातायात का बड़ा केंद्र बना चौराहा
इस चौराहे पर दर्जनों रोडवेज बसें रुकती हैं. यहां से जयपुर, दौसा, दिल्ली, आगरा, मानपुर, सिकराय, करौली, बहरावंडा, पापड़दा सहित कई स्थानों के लिए बसें जाती हैं. घूमना, जयसिंहपुरा, बूजोट गड़ी, बनेपूरा, जगसहायपुरा सहित कई गांवों के लोग इसी चौराहे से बस पकड़ते हैं और कस्बों या शहरों की ओर जाते हैं.

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