Published On: Thu, Nov 7th, 2024

वक्फ के खिलाफ प्रोटेस्ट करने वालों से मिलेंगे जगदंबिका पाल: JPC के विपक्षी सांसद बोले- यह एकतरफा फैसला, अकेले जाना प्रोटोकॉल के खिलाफ


हुबली1 घंटे पहले

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JPC के सदस्य 9 नवंबर से 5 राज्यों के दौरे पर जाएंगे। वे राज्यों के अल्पसंख्यक मामलों के विभाग, कानून विभाग, अल्पसंख्यक आयोग और वक्फ बोर्ड के साथ बातचीत करेंगे। - Dainik Bhaskar

JPC के सदस्य 9 नवंबर से 5 राज्यों के दौरे पर जाएंगे। वे राज्यों के अल्पसंख्यक मामलों के विभाग, कानून विभाग, अल्पसंख्यक आयोग और वक्फ बोर्ड के साथ बातचीत करेंगे।

वक्फ संशोधन बिल को लेकर गठित हुई जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ऑफिशियल कर्नाटक दौरे पर हैं। वे हुबली और विजयपुरा में वक्फ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से आज मुलाकात करेंगे।

पाल के अकेले दौरा करने पर JPC के विपक्षी सांसदों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि जगदंबिका पाल का अकेला जाना सही नहीं है। यह एकतरफा फैसला है। यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक विपक्षी सांसद ने कहा, ‘ये दौरा आधिकारिक नहीं है और इसे समिति ने मंजूरी नहीं दी है। ये चेयरमैन का पर्सनल फैसला है। एक और सांसद ने कहा, ‘हमें कुछ पता नहीं, ये आधिकारिक दौरा नहीं है तो फिर चेयरमैन किस हैसियत से जा रहे हैं?

दरअसल, भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने 5 नवंबर को X पर लिखा- JPC के चेयरमैन मेरी अपील पर हुबली और विजयपुरा जाएंगे, जहां वो वक्फ से प्रभावित किसानों और उनके संगठनों से मिलेंगे। किसानों की शिकायतें JPC के सामने रखी जाएंगी।

तेजस्वी सूर्या ने 5 नवंबर को X पर पोस्ट कर जानकारी दी थी कि जगदंबिका पाल कर्नाटक दौरे पर जाएंगे।

तेजस्वी सूर्या ने 5 नवंबर को X पर पोस्ट कर जानकारी दी थी कि जगदंबिका पाल कर्नाटक दौरे पर जाएंगे।

कर्नाटक में वक्फ के खिलाफ किसानों के प्रोटेस्ट की वजह, 3 पॉइंट

कर्नाटक के विजयपुरा, कलबुर्गी, बीदर और शिवमोग्गा के कुछ किसानों की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताकर नोटिस भेजे गए थे। इसके खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन शुरू किया, जिसे भाजपा ने भी सपोर्ट किया।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक के वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान और जिला अधिकारियों के बीच एक बैठक के बाद, बिना किसी पूर्व सूचना के विजयपुरा में 44 संपत्तियों के लैंड रिकॉर्ड में वक्फ का नाम जोड़ा गया।

विवाद बढ़ने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था उन्होंने अधिकारियों से नोटिस वापस लेने को कहा है, लेकिन भाजपा ने प्रदर्शन तेज किया। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भूमि जिहाद के आरोप लगाए।

JPC में लोकसभा से 21 सदस्य हैं। इसमें भाजपा के 7 और कांग्रेस के 3 सांसद हैं।

JPC में लोकसभा से 21 सदस्य हैं। इसमें भाजपा के 7 और कांग्रेस के 3 सांसद हैं।

जेपीसी के मेंबर्स 5 राज्यों का आधिकारिक दौरा भी करेंगे

वक्फ बिल पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) अगले सप्ताह 5 राज्यों का दौरा करेगी। कमेटी 9 नवंबर को असम की राजधानी गुवाहाटी से अपना दौरा शुरू करेगी। इसके बाद 11 नवंबर को भुवनेश्वर (ओडिशा), 12 नवंबर को कोलकाता (पश्चिम बंगाल), 13 नवंबर को पटना (बिहार) और 14 नवंबर को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) जाएगी।

JPC के सदस्य इन पांच राज्यों की राजधानी में उनके अल्पसंख्यक मामलों के विभाग, कानून विभाग, अल्पसंख्यक आयोग और वक्फ बोर्ड के साथ बातचीत करेगी। वह बार काउंसिल और मुत्तवल्ली संघों सहित अन्य स्टेकहोल्डर्स से भी मुलाकात करेगी।

JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद 1. जगदंबिका पाल (भाजपा) 2. निशिकांत दुबे (भाजपा) 3. तेजस्वी सूर्या (भाजपा) 4. अपराजिता सारंगी (भाजपा) 5. संजय जायसवाल (भाजपा) 6. दिलीप सैकिया (भाजपा) 7. अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा) 8. श्रीमती डीके अरुणा (YSRCP) 9. गौरव गोगोई (कांग्रेस) 10. इमरान मसूद (कांग्रेस) 11. मोहम्मद जावेद (कांग्रेस) 12. मौलाना मोहिबुल्ला (सपा) 13. कल्याण बनर्जी (TMC) 14. ए राजा (DMK) 15. एलएस देवरायलु (TDP) 16. दिनेश्वर कामत (JDU) 17. अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट) 18. सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार) 19. नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट) 20. अरुण भारती (LJP-R) 21. असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)

JPC में राज्यसभा से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद 1. बृज लाल (भाजपा) 2. डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा) 3. गुलाम अली (भाजपा) 4. डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा) 5. सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस) 6. मोहम्मद नदीम उल हक (TMC) 7. वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP) 8. एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK) 9. संजय सिंह (AAP) 10. डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत)

वक्फ बिल पर JPC की अब तक हुईं बैठकें…

22 अगस्त, पहली बैठक: कमेटी चेयरपर्सन बोले- सबकी बात सुनी जाएगी 22 अगस्त को 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होगी। सबकी बात सुनी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने कमेटी को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव के बारे में बताया। पूरी खबर पढ़ें…

30 अगस्त, दूसरी बैठक: विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया दूसरी बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कुछ देर के लिए बैठक से वॉकआउट किया था। यह बैठक करीब 8 घंटे चली। बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, राजस्थान मुस्लिम वक्फ, दिल्ली और UP सुन्नी वक्फ बोर्ड के विचारों को सुना गया। पूरी खबर पढ़ें…

5 सितंबर, तीसरी बैठक: विपक्ष ने कहा- मंत्रालय ने जानकारी छिपाई तीसरी बैठक में मंत्रालयों के अधिकारियों ने वक्फ बिल पर प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान अधिकारियों की विपक्षी सांसदों से तीखी बहस हुई। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी अधिकारी बिल पर पूरी जानकारी नहीं दे रहे थे। सबसे ज्यादा विरोध AAP सांसद संजय सिंह और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने किया। पूरी खबर पढ़ें…

6 सितंबर, चौथी बैठक: ASI ने पुराने कानून पर आपत्ति की बैठक में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम भी शामिल हुई। टीम ने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि नया संशोधन बिल पुराने स्मारकों को संरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है। ASI ने पुराने वक्फ कानून पर अपनी पांच आपत्तियां भी दर्ज कराई थीं। पूरी खबर पढ़ें…

14 अक्टूबर, पांचवी बैठक: खड़गे पर संपत्ति हड़पने का आरोप लगा बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप लगा। इससे नाराज विपक्षी दलों के सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। साथ ही स्पीकर को चिठ्ठी लिखकर कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल को हटाने की मांग की। स्पीकर से मिलने का समय भी मांगा। पूरी खबर पढ़ें…

29 अक्टूबर: विपक्षी सांसदों और दिल्ली वक्फ बोर्ड के बीच जमकर हंगामा 29 अक्टूबर की बैठक में विपक्षी सांसदों और दिल्ली वक्फ बोर्ड के बीच जमकर हंगामा हुआ था। विपक्षी सांसदों ने कहना था कि दिल्ली सरकार की मंजूरी के बिना दिल्ली वक्फ बोर्ड को प्रेजेंटेशन देने की अनुमति देना अवैध है। पूरी खबर पढ़ें…

5 नवंबर: दाऊदी बोहरा समाज ने JPC से कहा- वक्फ बोर्ड के दायरे से हमें बाहर रखें

5 नवंबर की बैठक में दाऊदी बोहरा समुदाय ने मांग रखी कि उसे वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए, क्योंकि वक्फ (संशोधन) विधेयक उनके विशेष दर्जे को मान्यता नहीं देता है। दाऊदी बोहरा समुदाय की तरफ से एडवोकेश हरीश साल्वे ने पैनल से कहा यह एक छोटा और घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ संप्रदाय है। पूरी खबर पढ़ें…

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