Published On: Mon, Jun 3rd, 2024

लोकसभा चुनाव: एग्जिट पोल आने के बाद अब मतगणना पर टिकीं निगाहें, कल सुबह आठ बजे से गिनती होगी शुरू


Lok Sabha election results will come on June 4

लोकसभा चुनाव
– फोटो : अमर उजाला

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एग्जिट पोल आने के बाद अब सबकी निगाहें मतगणना पर टिकी हुई हैं। भाजपा जहां सातों सीट अपने पक्ष में आने की संभावना जता रही है वहीं आम आदमी पार्टी व कांग्रेस गठबंधन अभी भी मायूस नहीं है। उन्हें सर्वे पर भरोसा कम है और मतगणना पर ज्यादा। लिहाजा अब एक दिन बाद होने वाले मतगणना पर राजनीतिक दलों की नजर है। काउंटिंग सेंटर पर चाक-चौबंद टीम तैनात की रणनीति भी तैयार कर ली है। इलेक्शन एजेंटों को सुबह पांच बजे मतगणना केंद्र पर पहुंचने का निर्देश राजनीतिक दलों ने दे दिया है। उन्हें खासतौर से काउंटिंग पर नजर रखने के लिए नसीहत के साथ गुर भी सिखाए गए है।

लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व में हार-जीत का फैसला चार जून को होना है। सुबह 10 बजे तक जीत-हार का ट्रेंड लोगों को मिलने लगेगा। चुनाव आयोग ऑनलाइन अपडेट करेगा ही साथ ही राजनीतिक दलों के इलेक्शन एजेंट भी हर राउंड में पड़े मतदान का आंकड़ा पार्टी को देंगे। गिनती की पूरी प्रक्रिया की देखरेख करेंगे। पक्ष और विपक्ष में पड़े हुए वोट का मिलान करेंगे। उसी की उपस्थिति में एवीएम मशीनों की जांच की जाएगी।

हर लोकसभा क्षेत्र के काउंटिंग सेंटर पर 90 के करीब इलेक्शन एजेंट की टीम तैयार की गई है। विभिन्न विधानसभाओं के लिए लगे टेबल पर उनकी तैनाती होगी। मतों की गिनती के दौरान ईवीएम के क्षतिग्रस्त होने या वीवीपैट पर्चियों में किसी गड़बड़ी पाए जाने चुनाव आयोग के अधिकारी को सूचित करेंगे। राजनीतिक जानकारों के अनुसार 75 प्रतिशत इलेक्शन एजेंट पुराने रहेंगे। क्योंकि उन्हें मतगणना का अनुभव है। इसके अलावा हर प्रत्याशी अपने करीबी लोगों को भी मतगणना केंद्र पर तैनाती करेंगे जो हर टेबल पर पहुंचकर निगरानी रखेंगे।

मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी

चार जून को मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होगी। इससे पहले की तैयारी मतगणना पर्यवेक्षकों और सहायक करेंगे। सुबह पांच बजे राजनीतिक कार्यकर्ता केंद्र पर पहुंचेंगे। जहां चुनाव अधिकारी सभी को दिशा-निर्देश देंगे। एजेंट के सभी आशंका का समाधान करेंगे। इसके बाद उन्हें जहां मतगणना होनी है उस टेबल पर भेज दिया जाएगा। मोबाइल समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट रखने की अनुमति नहीं होगी। इवीएम के बाद वीवीपैट की पर्चियों की गिनती की जाएगी। हर राउंड के वोटों की गिनती के बाद पर्यवेक्षक, उम्मीदवारों के एजेंट अपनी सहमति देंगे और हस्ताक्षर करेंगे। फिर रिटर्निंग ऑफिसर हस्ताक्षर करेगा। अनिवार्य वीवीपैट का सत्यापन किया जाएगा। अगर वीवी पैट और इवीएम की गिनती में अंतर आता है तो दोबारा मतगणना होगी। आंकड़ों में मिलान नहीं हुआ तो वीवीपैट पर्ची की गिनती मान्य होगी।

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