Published On: Fri, Dec 13th, 2024

ललन बाबू के लोकसभा में दिखे तीखे तेवर… कांग्रेस राज में सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय की कहानी सुना दी



नई दिल्ली. मुंगेर के जेडीयू सांसद और मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह शुक्रवार को लोकसभा में जमकर गरजे. बिहार की राजनीति में ललन सिंह अक्सर गरजते रहे हैं, लेकिन मोदी कैबिनेट में आते ही उनका यह रूप पहली बार दिखा. ललन सिंह ने संसद में कांग्रेस और गांधी फैमिली के कई किस्से सुनाए. साथ ही सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की भी पोल खोल दी. लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मंत्री ललन सिंह ने गांधी फैमिली पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘संविधान की बात वो लोग करते हैं, जिन्होंने पंडित नेहरू के शासनकाल में 7 बार, इंदिरा गांधी के शासन काल में 51 बार, राजीव गांधी के शासनकाल में 6 बार, नरसिम्हा राव के शासनकाल में 11 बार और मनमोहन सिंह के शासनकाल में 12 बार अनुच्छेद 356 का उल्लंघन कर राष्ट्रपति शासन लगाया.’

ललन सिंह संविधान के मुद्दे पर शुक्रवार को लोकसभा में कहा, जिन लोगों ने संविधान को बार-बार तार तार किया, वे लोग ही आज संविधान की रक्षा करने की बात कर रहे हैं. संविधान में अनुच्छेद 356 का सबसे ज्यादा कांग्रेस की सरकारों ने दुरुपयोग किया. रात के अंधेरे में चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए कांग्रेस ने क्या-क्या नहीं किया है.’

संविधान पर चर्चा के दौरान ललन सिंह के तीखे तेवर
ललन सिंह ने लोकसभा में साल 2005 में नीतीश सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का जिक्र करते हुए कहा, मनमोहन सिंह सरकार में एक ताकतवर मंत्री ने रात के अंधेरे में मनमोहन सिंह को धमकी भरे में लहजे कहा था कि विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगा दीजिए, नहीं तो सरकार गिरा देंगे. इसका नतीजा हुआ कि सुबह चार बजे कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई और रातोंरात प्रस्ताव पास कर मास्को गए राष्ट्रपति को फैक्स भेजकर दस्तखत करवाया गया. जब सुर्योदय हुआ तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लग चुका था.’

इमरजेंसी से लेकर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगने की कहानी
ललन सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कई बार कांग्रेस की सरकारों ने दिन के उजाले में नहीं रात के अंधेरे में संविधान की धज्जियां उड़ाई. देश में इमरजेंसी लगाने के लिए रात 12 कैबिनेट मंत्रियों की मीटिंग हुई थी. रात में ही आपातकाल के लिए दस्तखत कराया गया और सुबह हुई तो देश में आपातकाल लग चुकी थी.’

प्रियंका को ये बातें याद दिलाई
शुक्रवार को प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा में अपना पहला भाषण दे रही थीं. संयोग देखिए कि प्रियंका वाड्रा गांधी का पहला भाषण संविधान पर ही दिया. लेकिन, ललन सिंह ने प्रियंका के भाषण पर जोरदार तरीके से चुटकी. ललन सिंह ने कहा, मोदी सरकार पर चुटकुलों और व्यंग्यात्मक लगाने से पहले पूर्वजों के बारे में भी सोच लेते, जिन्होंने एक बार नहीं सैकड़ों बार संविधान की धज्जियां उड़ाई. सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को. जो खुद संविधान भक्षक हैं, वो संविधान बचाने और रक्षक होने की बात कर रहे हैं.’

इंडिया गठबंधन को भी लपेटे में लिया
ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष को महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में मिली हार का सबक लेना चाहिए. देश के प्रधानमंत्री का मूल मंत्र है सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास. यह संविधान से ही निकला हुआ मूल मंत्र है. ललन सिंह ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर तंज कसा. क्योंकि, प्रियंका गांधी के बोलने के तुरंत बाद अखिलेश यादव ने भी संविधान पर चर्चा करते हुए देश में तानाशाही सरकार का जिक्र किया था.

ललन सिंह ने अखिलेश यादव को भी कई उदाहरणों से उनके रवैये पर सवाल उठाया. अखिलेश यादव के सरकार के जाति जनगणना नहीं कराने के सवाल ललन सिंह ने कहा, जब मैं इंडिया गठबंधन में था और जाति जनगणना की बात हो रही थी तो अखिलेश यादव ने अपने मुंह पर टेप चिपका लिया था. मुंबई में नीतीश जी इस विषय पर प्रस्ताव लाने की बात कही थी तब उन्होंने इस विषय पर कुछ नहीं बोला.’

Tags: Constitution of India, Lalan Singh, Parliament Winter Session, Priyanka gandhi vadra

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