रुपौली हारने से महागठबंधन में लालू-तेजस्वी की मनमानी रुकेगी? सीपीआई की सीट लड़ी थी आरजेडी

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बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूर्णिया जिले की रुपौली सीट पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में आरजेडी की प्रत्याशी रहीं बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि रुपौली हारने के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की महागठबंधन यानी इंडिया अलायंस में मनमानी रुकेगी? क्योंकि रुपौली पर लेफ्ट पार्टी सीपीआई ने उपचुनाव में दावा ठोका था। मगर उसे दरकिनार करते हुए आरजेडी ने बीमा भारती को कैंडिडेट बनाकर उतार दिया। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी पूर्णिया से कांग्रेस के दावेदार पप्पू यादव को साइडलाइन करते हुए लालू एवं तेजस्वी ने बीमा भारती को उतार दिया था। इसके बाद पप्पू निर्दलीय लड़े और बीमा भारती की जमानत तक जब्त हो गई।
रुपौली से जेडीयू की विधायक रहीं बीमा भारती इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले पाला बदलकर आरजेडी में शामिल हो गईं। लालू एवं तेजस्वी यादव ने अपने गठबंधन के सहयोगी दलों से विमर्श किए बिना ही पूर्णिया से बीमा भारती को आरजेडी का सिंबल दे दिया। दरअसल, कांग्रेस पूर्णिया से सांसद रह चुके पप्पू यादव को इस चुनाव में टिकट देना चाहती थी। 2019 का चुनाव भी महागठबंधन में रहते हुए कांग्रेस ने ही लड़ा था। मगर 2024 में आरजेडी ने मनमानी करते हुए यह सीट कांग्रेस से अपने खेमे में ले ली। मगर आरजेडी के सारे समीकरण फेल हो गए और पप्पू यादव पूर्णिया जीत गए। जेडीयू के संतोष कुशवाहा दूसरे नंबर पर रहे। आरजेडी की बीमा भारती मुकाबले से बाहर ही नजर आईं।
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इसके ठीक एक महीने के भीतर बीमा भारती के पाला बदलने से खाली हुई रुपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए। आरजेडी ने यहां भी अपने गठबंधन के दलों से चर्चा किए बिना बीमा भारती को ही कैंडिडेट बना दिया। दरअसल, यह सीपीआई की परंपरागत सीट है। 2020 के विधानसभा चुनाव में रुपौली से महागठबंधन में सीपीआई ने ही इलेक्शन लड़ा था। उपचुनाव की घोषणा होने के बाद लेफ्ट पार्टी ने यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी थी। मगर बाद में आरजेडी के कैंडिडेट उतारने से सीपीआई नाराज हो गई। पार्टी नेता ने यह भी कह दिया कि रुपौली हमारी सीट थी और हमें यहां से चुनाव लड़ना था। मगर गठबंधन धर्म का पालन करते हुए वे आरजेडी का समर्थन करेंगे। नतीजा यह रहा है कि आरजेडी की बीमा भारती को रुपौली उपचुनाव करारी हार मिली और महज 30 हजार वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहीं।
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इन दोनों मामले में आरजेडी की मनमानी की वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। लालू एवं तेजस्वी यादव के लिए बीमा भारती फ्लॉप उम्मीदवार साबित हुई हैं। पहले लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा उपचुनाव में उनकी करारी हार से लालू एवं तेजस्वी यादव के फैसले पर सवाल खड़े होने लगे हैं। अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव होने वाला है। माना जा रहा है कि बिहार में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रही आरजेडी आगामी चुनाव के टिकट बंटवारे में सोच-विचार कर ही सहयोगी कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के बारे में फैसले करेगी।