Published On: Mon, Dec 9th, 2024

राहुल नार्वेकर निर्विरोध महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष बने: महायुति सरकार ने विश्वास मत हासिल किया; 4 विपक्षी विधायकों ने आज भी शपथ नहीं ली


मुंबई35 मिनट पहले

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राहुल नार्वेकर दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष चुने गए हैं। इससे पहले वे 2020 में ढाई साल के लिए अध्यक्ष बने थे। - Dainik Bhaskar

राहुल नार्वेकर दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष चुने गए हैं। इससे पहले वे 2020 में ढाई साल के लिए अध्यक्ष बने थे।

भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर को 15वीं महाराष्ट्र विधानसभा का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। 1960 में राज्य के गठन के बाद से नार्वेकर विधानसभा स्पीकर पद पर दोबारा चुने जाने वाले दूसरे शख्स हैं। उनसे पहले बालासाहेब भारदे महाराष्ट्र विधानसभा में लगातार 2 बार अध्यक्ष चुने जाने वाले एकमात्र सदस्य थे।

आखिरी दिन बाकी बचे विधायकों में से 4 ने शपथ ली। इनमें जयंत पाटिल और उनकी पार्टी के 3 और विधायक थे। शिवसेना के विलास भूमरे, शिवसेना (UBT) के वरुण सरदेसाई, मनोज जामसुतकर और NCP के शेखर निकम ने अभी तक शपथ नहीं ली है। हालांकि वे बाद में स्पीकर ऑफिस में शपथ ले सकते हैं।

इधर, महाराष्ट्र विधानसभा के तीसरे और आखिरी दिन CM देवेंद्र फडणवीस विश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इस प्रस्ताव को शिवसेना विधायक उदय सामंत ने पेश किया था। इसके अलावा विधानसभा में 14 अध्यादेश भी पेश किए गए।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधन बाकी है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से 21 दिसंबर तक नागपुर में किया जाएगा।

नार्वेकर के खिलाफ MVA ने नहीं उतार प्रत्याशी

BJP की कोलाबा सीट से विधायक राहुल नार्वेकर ने 8 दिसंबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। वे निर्विरोध चुने गए क्योंकि विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। हालांकि, नाना पटोले समेत कई विपक्षी विधायकों CM देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी और प्रोटोकॉल के तहत डिप्टी स्पीकर का पद विपक्षी गठबंधन में से किसी एक के सदस्य को देने की मांग रखी थी।

2022 में एकनाथ शिंदे के शिवसेना से अलग होकर सीएम बनने के बाद राहुल नार्वेकर को ही स्पीकर बनाया गया था। 14वीं विधानसभा में ढाई साल तक अध्यक्ष रहे। तब शिवसेना ठाकरे गुट ने उन पर विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने में देर करने का आरोप लगाया था।

नेता विपक्ष पर अब भी संशय, विपक्ष के किसी भी दल के पास 10% सीटें नहीं

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। 23 नवंबर को रिजल्ट आया। महायुति को 230 सीटें मिलीं। इसमें भाजपा को 132, शिवसेना को 57 और NCP के 41 विधायक जीते। वहीं महाविकास अघाड़ी (MVA) को 46 और अन्य को 12 सीटें मिलीं। MVA में शिवसेना (UBT) 20, कांग्रेस 16 और शरद पवार की NCP को 10 सीटों पर जीत मिली। बहुमत का आंकड़ा 145 है।

नेता विपक्ष पर दावा करने के लिए पार्टी के पास 10% सीटों का होना जरूरी है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में इस पद पर दावा करने के लिए 29 सीटों की जरूरत होती है। फिलहाल ये किसी भी विपक्षी पार्टी के पास नहीं हैं। ऐसे में विधानसभा में कोई भी मुख्य विपक्षी दल और उसका नेता नहीं होगा।

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आदित्य ठाकरे बोले- सपा महाराष्ट्र में BJP की बी-टीम, अबु आजमी ने कहा था- भाजपा और शिवसेना UBT में कोई फर्क नहीं

समाजवाद पार्टी (सपा) के महाविकास अघाड़ी (MVA) से अलग होने के बाद विधानमंडल में शिवसेना (UBT) विधायक दल के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि सपा महाराष्ट्र में भाजपा की बी-टीम है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने शनिवार को MVA से अलग होने की घोषणा की थी।

शिवसेना (UBT) ने 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर अखबार में एड छपवाकर बधाई दी थी। उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर ने इसे लेकर X पर पोस्ट भी किया था।

इससे नाराज अबू आजमी ने कहा था-भाजपा और शिवसेना (UBT) में कोई फर्क नहीं है। उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराने वालों को बधाई दी। उद्धव के करीबी ने सोशल मीडिया पर मस्जिद ढहाए जाने की तारीफ की। हम MVA से अलग हो रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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