रामायण: कौन थीं वो दो स्त्रियां, जो राम से शादी करना चाहती थीं, इनकार पर क्या हुआ परिणाम

रामायण में कई स्त्रियां राम से विवाह करना चाहती थीं. वो उनके पास विवाह का प्रस्ताव लेकर खुद पहुंचती थीं. लेकिन राम मना कर देते थे कि उनका विवाह सीता से हो चुका है और वह उनके प्रति निष्ठावान रहेंगे. लेकिन दो महिलाएं इनमें एकदम अलग थीं. एक राम को लंबे समय से चाहती थी और एक उनको देखते ही मुग्ध हो गई थी. इनमें से एक से राम ने अगले जन्म में मिलने का वादा किया लेकिन दूसरी से जब मना किया तो परिणाम बहुत खतरनाक निकला.
देवदत्त पटनायक ने अपनी नई किताब “सती सावित्री” में कई ऐसी नारीवादी कहानियों का जिक्र किया, जो कभी सामने नहीं आईं इसी में राम के प्रति आकर्षित महिलाओं के बारे में बताया है. वैसे इसका जिक्र रामायण के अरण्यकांड में भी है.
कौन थीं वेदवती, जिनसे राम ने अगले जन्म में मिलने को कहा
राम ने विनम्रता से वेदवती के शादी के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि अगले जन्म में जब वह आएंगे तो वह जरूर उनकी जिंदगी में शामिल होंगी. (IMAGE GENERATED BY LEONARDO AI)
बहुत सुंदर थीं और विष्णु भक्त
वेदवती एक पौराणिक चरित्र हैं, जिनका उल्लेख वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड में मिलता है. वह एक तपस्विनी थीं, जिन्हें भगवान विष्णु की भक्त और अत्यंत सुंदर माना जाता है. वेदवती कुशध्वज ऋषि की पुत्री थीं. वह बचपन से ही भगवान विष्णु की उपासना करती थीं. उनका लक्ष्य था कि वह भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में प्राप्त करें. इसके लिए उन्होंने कठिन तप किया.
तब उन्होंने राम के पास जाकर शादी की पेशकश की
वेदवती ने रावण को कौन सा शाप दिया
वेदवती की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आता है जब लंकापति रावण ने उनकी सुंदरता पर मोहित होकर उनका अपहरण करने की कोशिश की. जबरदस्ती की कोशिश की. तब वेदवती ने रावण को शाप दिया कि उसकी मृत्यु एक स्त्री के कारण होगी. इसके बाद वेदवती ने अपनी पवित्रता की रक्षा के लिए अग्नि में प्रवेश किया. प्राण त्याग दिए.
रावण की बहन शूर्पणखा ने जब वन में राम को देखा तो वह उन पर मुग्ध हो गई. तब वह उनके सामने खुद की शादी का प्रस्ताव लेकर पहुंची. (news18 ai)
राम पर मुग्ध होने वाली दूसरी स्त्री कौन थी
तब शूर्पणखा ने सीता पर हमला किया. फिर इससे नाराज लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी. चूंकि वह रावण की बहन थी. लिहाजा ये घटना आगे चलकर रावण के साथ युद्ध का कारण बनी.
तभी सीता को राम से प्यार हो गया था
पटनायक की इसी किताब में ये भी बताया गया है कि सीता के लिए शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा सकने की प्रतियोगिता बेशक रखी गई थी लेकिन प्रतियोगिता से पहले जब राम और सीता की मुलाकात एक उद्यान में होती है, तो उनसे प्यार करने लगती हैं, उनके साथ रहना चाहती हैं. उन्हें विश्वास हो गया था कि ये प्रतियोगिता तो राम ही जीतेंगे. ऐसा ही हुआ भी.