Published On: Mon, Jun 9th, 2025

रामायण: कौन थीं वो दो स्त्रियां, जो राम से शादी करना चाहती थीं, इनकार पर क्या हुआ परिणाम


रामायण में कई स्त्रियां राम से विवाह करना चाहती थीं. वो उनके पास विवाह का प्रस्ताव लेकर खुद पहुंचती थीं. लेकिन राम मना कर देते थे कि उनका विवाह सीता से हो चुका है और वह उनके प्रति निष्ठावान रहेंगे. लेकिन दो महिलाएं इनमें एकदम अलग थीं. एक राम को लंबे समय से चाहती थी और एक उनको देखते ही मुग्ध हो गई थी. इनमें से एक से राम ने अगले जन्म में मिलने का वादा किया लेकिन दूसरी से जब मना किया तो परिणाम बहुत खतरनाक निकला.

रामायण में भगवान राम का विवाह केवल सीता से हुआ था. राम एकनिष्ठ पति के रूप में दिखाए गए. जो अपनी पत्नी के अलावा किसी और के बारे में सोचता ही नहीं. हालांकि अयोध्या से लेकर दूसरे राज्यों की कई सुंदर स्त्रियां उन पर मुग्ध थीं. कुछ ने उनसे प्रेम जताया. कुछ ने शादी करने की इच्छा जाहिर की. राम पत्नी सीता के प्रति निष्ठा और धर्म के कारण इसे स्वीकार नहीं किया.

देवदत्त पटनायक ने अपनी नई किताब “सती सावित्री” में कई ऐसी नारीवादी कहानियों का जिक्र किया, जो कभी सामने नहीं आईं इसी में राम के प्रति आकर्षित महिलाओं के बारे में बताया है. वैसे इसका जिक्र रामायण के अरण्यकांड में भी है.

कौन थीं वेदवती, जिनसे राम ने अगले जन्म में मिलने को कहा

सबसे पहले बात वेदवती की, जो राम से प्यार करती थीं, बेशक ये उनकी ओर से ही था. वह राम के पास शादी के लिए गईं. राम ने उन्हें मना जरूर किया लेकिन ये कहा कि वह अगले जन्म में उन्हें जरूर मिलेंगे. उसे तब तक प्रतीक्षा करनी होगी, जब तक वह कृष्ण का अवतार लेकर धरती पर दोबारा नहीं आ जाते. फिर ऐसा हुआ भी. ये भी कहा जाता है कि वेदवती अगले जन्म में रुक्मिणी के रूप में उनसे मिलीं.

राम ने विनम्रता से वेदवती के शादी के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि अगले जन्म में जब वह आएंगे तो वह जरूर उनकी जिंदगी में शामिल होंगी. (IMAGE GENERATED BY LEONARDO AI)

बहुत सुंदर थीं और विष्णु भक्त

वेदवती एक पौराणिक चरित्र हैं, जिनका उल्लेख वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड में मिलता है. वह एक तपस्विनी थीं, जिन्हें भगवान विष्णु की भक्त और अत्यंत सुंदर माना जाता है. वेदवती कुशध्वज ऋषि की पुत्री थीं. वह बचपन से ही भगवान विष्णु की उपासना करती थीं. उनका लक्ष्य था कि वह भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में प्राप्त करें. इसके लिए उन्होंने कठिन तप किया.

तब उन्होंने राम के पास जाकर शादी की पेशकश की

फिर विष्णु के अवतार भगवान राम जब त्रेता युग में धरती पर आए तो वेदवती ने उन्हें देखा. उनके पास पहुंचीं. उनसे विवाह करने की पेशकश की. ये उल्लेख मिलता है कि वेदवती राम को भगवान विष्णु के रूप में पहचानती थीं. तब राम ने वेदवती को बताया कि वह इस बार तो केवल सीता के पति हैं. लिहाजा इस जन्म में उन्हें स्वीकार नहीं कर सकते लेकिन अगले जन्म में जरूर वह उनके जीवन में रहेंगी.

वेदवती ने रावण को कौन सा शाप दिया

वेदवती की कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आता है जब लंकापति रावण ने उनकी सुंदरता पर मोहित होकर उनका अपहरण करने की कोशिश की. जबरदस्ती की कोशिश की. तब वेदवती ने रावण को शाप दिया कि उसकी मृत्यु एक स्त्री के कारण होगी. इसके बाद वेदवती ने अपनी पवित्रता की रक्षा के लिए अग्नि में प्रवेश किया. प्राण त्याग दिए.

रावण की बहन शूर्पणखा ने जब वन में राम को देखा तो वह उन पर मुग्ध हो गई. तब वह उनके सामने खुद की शादी का प्रस्ताव लेकर पहुंची. (news18 ai)

राम पर मुग्ध होने वाली दूसरी स्त्री कौन थी

राम पर आकर्षित और मुग्ध होने वाली दूसरी स्त्री शूर्पणखा थी, जिसने ना केवल राम के पास जाकर ये कहा कि वह उनको चाहने लगी है बल्कि शादी भी करना चाहती है. उसने राम को तरह तरह से लुभाने की कोशिश की, लेकिन राम ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया. राम ने मजाक में कहा कि वह पहले से ही विवाहित हैं. शूर्पणखा को लक्ष्मण की ओर इशारा किया, जिसके बाद लक्ष्मण ने भी उसे अस्वीकार कर दिया.

तब शूर्पणखा ने सीता पर हमला किया. फिर इससे नाराज लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी. चूंकि वह रावण की बहन थी. लिहाजा ये घटना आगे चलकर रावण के साथ युद्ध का कारण बनी.

तभी सीता को राम से प्यार हो गया था

पटनायक की इसी किताब में ये भी बताया गया है कि सीता के लिए शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा सकने की प्रतियोगिता बेशक रखी गई थी लेकिन प्रतियोगिता से पहले जब राम और सीता की मुलाकात एक उद्यान में होती है, तो उनसे प्यार करने लगती हैं, उनके साथ रहना चाहती हैं. उन्हें विश्वास हो गया था कि ये प्रतियोगिता तो राम ही जीतेंगे. ऐसा ही हुआ भी.

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>