Published On: Wed, Aug 7th, 2024

रात में कहां-कहां रुके, कहां घूमे…मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को लिखी चिट्ठी


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने मंत्रियों को चिट्ठी लिखकर उनसे उनके प्रभारी जिलों के दौरों, जिलों में किए गए रात्रि प्रवास और लोगों के साथ किए संवाद की रिपोर्ट मांगी है. हर महीने दी जाने वाली यह रिपोर्ट मंत्रियों ने मार्च से अभी तक नहीं दी है.

दिसंबर, 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा था. धामी ने मंत्रियों से अपेक्षा की थी कि वे अपने प्रभारी जिले में हर महीने किसी एक विकासखंड में जाकर विकास योजनाओं का निरीक्षण करें. रात में वहां रुकें. रात्रि विश्राम के दौरान जनता और कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनें. समस्याओं को दूर करने के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दें.

उत्तराखंड के मंत्रियों को हर महीने अपने इस रात्रि विश्राम की विस्तृत रिपोर्ट कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के जरिए मुख्यमंत्री को भेजनी थी. भारतीय जनता पार्टी संगठन और सरकार, दोनों ही मंत्रियों के दौरे की, उनके कामकाज की नजदीक से निगरानी करती रही है. शुरुआती दौर में तो मंत्रियों ने ये रिपोर्ट भेजी भी, लेकिन पिछले छह महीने से कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को छोड़कर किसी भी मंत्री ने मुख्यमंत्री को अपने दौरों की रिपोर्ट नहीं सौंपी. लिहाजा इसी हफ्ते दो अगस्त को मुख्यमंत्री ने खुद ही एक-एक मंत्री को पत्र लिखकर रिपोर्ट की याद दिलाई है.

कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के सचिव दीपक गैरोला का कहना है कि उत्तराखंड सरकार के ‘जनता के द्वार कार्यक्रम’ के तहत मंत्री के दौरे लगाए जाते हैं, ताकि धरातल पर योजनाओं की वास्तविक जानकारी पता लगे. लोगों की समस्याओं का निस्तारण होता रहे. उन्होंने बताया कि आमतौर पर मंत्री इसकी डिटेल रिपोर्ट विभाग को सौंपते हैं, लेकिन मार्च के बाद से ये रिपोर्ट हमको नहीं मिली है. सिर्फ एक मंत्री के अलावा. विभाग ने अपने स्तर से मंत्रियों को रिमाइंडर भी भेजे हैं. अब खुद मुख्यमंत्री ने ही मंत्रियों को इस बारे में चिट्ठी भेजनी शुरू की है.

दरअसल, उत्तराखंड में मंत्रियों को लेकर ये बात उठती रही है कि मंत्री अपनी विधानसभा के मंत्री बनकर रह गए हैं. मंत्री अपनी विधानसभा या अपने समर्थक कार्यकर्ताओं तक सीमित हो गए हैं. कई बार देखा गया है कि फॉरेस्ट फायर हो या फिर चारधाम यात्रा या फिर केदारनाथ जैसी आपदा.हर मोर्चे पर अंत में सीएम को ही कमान संभालनी पड़ती है.

मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना है कि वे नियमित रूप से अपने प्रभारी जिलों का दौरा करते हैं और इसकी रिपोर्ट भी संबंधित विभाग को भेजते हैं.हो सकता है कि कुछ तकनीकी कारणों से जमा नहीं की जा सकी हो. मैं इसका पता करूंगा
दूसरी ओर मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि चुनाव आचार संहिता आदि के कारण जिलों के दौरे प्रभावित हुए होंगे, बावजूद इसके मैं नियमित अपने प्रभारी जिलों में जाता हूं.इसकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को भेजी जाती है.

Tags: Dehradun news, Pushkar Singh Dhami, Uttarakhand Government, Uttarakhand news

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