रात डेढ़ से सुबह 5 बजे के बीच निकाली आंख: फंटूश के परिजनों का दावा- केवल डॉक्टर और नर्स की थी एंट्री, बगल वाले मरीज को भी जानकारी नहीं – Patna News

पटना के एनएमसीएच में मृतक फंटूश की आंख गायब होने मामले में परिजनों ने नया दावा किया है। उनका कहना है कि सर्जिकल ICU में फंटूश कुमार के बेड के पास तीन और मरीज एडमिट थे। गेट पर मृतक के साढू विजय कुमार निगरानी कर रहे थे। 15 नवंबर की देर रात डेढ़ बजे तक
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उन्होंने बताया कि इस दौरान कोई बाहरी नहीं आ रहा था। सिर्फ डॉक्टर और नर्स आ रहे थे। गेट के पास परिजन फर्श पर सोए थे। वॉर्ड के अंदर किसी को नहीं जाने दिया जा रहा था। जब तक मैं रहा कोई बाहरी अंदर नहीं गया। 16 नवंबर की सुबह करीब 5 बजे जब देखने गए तो बाईं आंख ही नहीं था। पास के मरीजों से पूछने पर कहा कि हमलोग सो रहे थे।

विजय ने आंख गायब कराने के पीछे गांव के ही मदन प्रसाद और सदन प्रसाद का हाथ बताया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों से मिलकर दोनों ने फंटूश कुमार की आंख गायब कराया है। आपसी रंजिश में 14 नवंबर को मदन प्रसाद, सदन प्रसाद, अवधेश प्रसाद, मिलन कुमार उर्फ जय कुमार ने फंटूश को गोली मारी थी। जिसके बाद यहां भर्ती कराया गया था।
मदन प्रसाद और सदन प्रसाद का क्रिमिनल रिकॉर्ड है। नालंदा के थाना चिकिसौरा के हुड़ारी गांव में मिनी गन फैक्ट्री चलाता था। इस मामले में सदन प्रसाद जेल गया था और बेल पर बाहर है। हिलसा के योगीपुर में बैंक डकैती के मामले में मुख्य आरोपी है।
डॉक्टरों ने कहा आंख चूहा खा गया
वहीं, मृतक के बड़े भाई जितेश कुमार ने बताया कि आंख गायब होने के बाद हमलोग डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉक्टरों का कहना था कि आंख चूहा खा गया। चचेरे भाई विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि NMCH के अधीक्षक, सुपरवाइजर और डॉक्टरों पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने आंख निकालकर बेच दी है। इस संबंध में आलमगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
भाई ने ससुराल से बुलाया था घर
फंटूश कुमार पटना के बाइपास इलाके में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता था। साथ ही काम भी करता था। 6 महीने पहले उसकी शादी हुई थी। बड़े साढू विजय कुमार ने बताया कि घटना से पहले फंटूश ससुराल में था। फोन करके भाई ने बताया कि रात के समय छोटा भाई शौच करने घर से बाहर गया था। जिसका अपहरण हो गया है। ऐसी सूचना देकर उसी घर बुलाया था।