राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की 75 हाजिरी अनिवार्य
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राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों (मेडिकल कॉलेज) में चिकित्सक शिक्षकों, सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर को 75 प्रतिशत बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया है। अब बायोमेट्रिक हाजिरी के आधार पर ही उनको वेतन का भुगतान होगा। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव शशांक शेखर सिन्हा ने सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य और अधीक्षक को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की ओर से चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए निरीक्षण एवं मूल्यांकन विभिन्न स्तरों पर किया जा रहा है। इसमें एनएमसी की ओर से चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में चिकित्सकों की एईबीएएस प्रणाली के तहत बायोमेट्रिक उपस्थिति शत-प्रतिशत दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। एमएसआर-2023 के नियमानुसार सभी फैकल्टी, सीनियर रेजिडेंट व ट्यूटर चिकित्सकों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
समीक्षा में स्थिति मिली थी असंतोषजनक स्वास्थ्य विभाग ने समीक्षा में पाया है कि चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों के चिकित्सकों की ओर से एईबीएएस प्रणाली में दर्ज बायोमेट्रिक उपस्थिति एनएमसी की वेबसाइट पर बहुत ही असंतोषजनक है। कुछ चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों को एनएमसी की ओर से इस मामले में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है, इसलिए चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में लगे बायोमेट्रिक उपकरण के माध्यम से उपस्थिति शत-प्रतिशत सुनिश्चित करें। साथ ही महीने के अंत में अपने संस्थान के एनएमसी बायोमेट्रिक उपकरण (एईबीएएस) पर दर्ज उपस्थिति की विवरणी के आधार पर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों के चिकित्सक शिक्षकों, सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर का वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है।
प्राचार्य और अधीक्षक की होगी पूरी जवाबदेही
इसके साथ चेताया गया है कि भविष्य में एनएमसी की ओर से निरीक्षण में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं होने और असंतोषजनक की स्थिति में पूरी जवाबदेही प्राचार्य और अधीक्षक की होगी। गौरतलब है कि एनएमसी की ओर से एईबीएएस प्रणाली के तहत बायोमेट्रिक उपकरण मेडिकल कॉलेजों में लगाए गए हैं।