Published On: Thu, May 29th, 2025

राज्यपाल बोले- जोधा-अकबर की शादी नहीं हुई, ये झूठ है: राजा भारमल ने दासी की बेटी से कराया था उसका विवाह – Udaipur News


गुरुवार को महाराणा प्रताप की जयंती है। इसलिए उदयपुर प्रताप गौरव केंद्र में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। यहां राज्यपाल सहित कई नेता पहुंचे थे।

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने कहा कि प्रारंभिक दौर में भारत का इतिहास विदेशियों ने लिखा। इसमें कई झूठे तथ्य अंकित किए गए। उन्होंने अकबरनामा का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें अकबर ने अपनी ही शादी का जिक्र नहीं किया है।

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वहीं, आमेर की राजकुमारी और अकबर के विवाह की बात भी झूठ है। हालांकि, मैंने ये सुना है, मैंने खुद ये पढ़ा नहीं है। गर्वनर ने कहा कि स्कूल बुक्स में महाराणा प्रताप के बारे में कम और अकबर के बारे में ज्यादा पढ़ाया जाता है।

राज्यपाल बुधवार को उदयपुर में महाराणा प्रताप की जयंती (29 मई) के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे।

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े कुम्भा सभागार में महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े कुम्भा सभागार में महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।

अकबरनामा में भी शादी का जिक्र नहीं – राज्यपाल

राज्यपाल बागड़े ने कहा कि राजा भारमल ने एक दासी की बेटी के साथ अकबर की शादी करवाई थी। आमेर की राजकुमारी और अकबर के विवाह की बात झूठ है।

उन्होंने कहा कि अकबर की आत्मकथा में इसका कोई जिक्र नहीं हैं। इसके अलावा महाराणा प्रताप की ओर से अकबर को संधि की चिठ्ठी लिखने का तथ्य भी पूरी तरह से भ्रामक है।

महाराणा प्रताप के बारे में कम पढ़ाया जाता है- बागडे

राज्यपाल ने कहा कि महाराणा प्रताप ने कभी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया। इतिहास में अकबर के बारे में ज्यादा और महाराणा प्रताप के बारे में कम पढ़ाया जाता है।

हालांकि, अब धीरे-धीरे स्थितियां सुधर रही हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को सहेजते हुए हर क्षेत्र में अग्रसर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने बुधवार को प्रताप गौरव केंद्र में महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी और भी कई जानकारियां लीं।

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने बुधवार को प्रताप गौरव केंद्र में महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी और भी कई जानकारियां लीं।

‘तो देश की तस्वीर दूसरी होती’

राज्यपाल बागडे ने कहा कि महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज राष्ट्र भक्ति के पर्याय थे। दोनों के जन्म के बीच 90 साल का अंतराल है। यदि वे दोनों समकालीन होते तो देश की तस्वीर दूसरी होती।

वीरता और देशभक्ति को लेकर दोनों को समान दृष्टि से देखा जाता है। यहां तक कि शिवाजी महाराज का भौंसले वंश तो स्वयं को मेवाड़ के सिसोदिया वंश से जोड़ता है।

भारत-पाक सीमा पर बसे ग्रामीणों की प्रशंसा की

राज्यपाल ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे ग्रामीणों की प्रशंसा करते हुए कहा कि युद्ध के समय जब गोलियां चल रही होती हैं, तब वे ग्रामीण भारत माता के जयकारे लगाकर हमारे वीर जवानों का उत्साह बढ़ाते हैं।

यह असली भारत है, जो न केवल वीरता दिखाता है, बल्कि देश की आत्मा की रक्षा भी करता है। बुधवार को हुए इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़, सांसद चुन्नीलाल गरासिया भी मौजूद थे।

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