राजस्थान में न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर विरोध: जमीन खाली करवाने गई पुलिस-ग्रामीणों के बीच झड़प, लोगों ने किया पथराव; जवान का सिर फूटा – Banswara News

ग्रामीणों के विरोध के बाद आंसू गैस के गोले छोड़ती पुलिस।
राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों ने भारी विरोध शुरू कर दिया है। प्लांट के लिए जमीन खाली करवाने गई पुलिस और लोगों के बीच टकराव हो गया है। विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया तो पुलिस ने
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दरअसल, बांसवाड़ा के छोटी सरवन में 2800 मेगावाट का न्यूक्लियर पावर प्लांट लगना है। यहां से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि मुआवजा देने के बाद भी जमीन खाली नहीं की जा रही थी। इसी मामले को लेकर तीन जिलों की पुलिस को मौके पर तैनात किया गया और यहां से लोगों को हटाना था।

विरोध को देखते हुए बांसवाड़ा-डूंगरपुर और प्रतापगढ़ तीन थानों का पुलिस जाब्ता तैनात किया गया था। जब इन्हें खदेड़ा गया तो ग्रामीण पहाड़ की तरफ भागे और वहां से पथराव करना शुरू कर दिया।
बताया जा रहा है कि अगस्त में इस प्लांट का शिलान्यास होना था। इसी कारण इन परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट कराया जा रहा था। जबकि स्थानीय लोग ज्यादा मुआवजा देने की लगातार मांग कर रहे थे और दूसरी जगह शिफ्ट होने से मना कर दिया था। ऐसे में प्रशासन शुक्रवार को पुलिस की मदद से इन लोगों को शिफ्ट करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन ग्रामीण इसके विरोध में उतर गए और हाईवे जाम कर दिया।
शुक्रवार सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। सुबह करीब 10:30 बजे बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। विरोध को बढ़ता देख पुलिस ने जब इन्हें हटाना शुरू किया तो पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में क्यूआरटी का जवान कल्पेश गरासिया घायल हो गया, जिसके सिर पर पत्थर लगा। उसे बांसवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है।
महिलाओं ने जाम किया हाईवे, बीएपी नेता समेत कई लोग हिरासत में
इस विरोध प्रदर्शन में स्थानीय महिलाओं ने नेशनल हाईवे 927-A (बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम) हाईवे को जाम कर दिया। पुलिस ने महिलाओं और लोगों को हटाने का प्रयास किया। इस पर वहां भगदड़ मच गई और कुछ लोग पहाड़ी पर चले गए और वहां से पथराव शुरू कर दिया। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने बीएपी नेता हेमंत राणा समेत कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। इस पथराव में क्यूआरटी के जवान कल्पेश गरासिया के सिर में चोट लगी है। उनका अभी बांसवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
सरकार का दावा- 415 करोड़ का मुआवजा दिया
परमाणु बिजली घर का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले इस क्षेत्र में आने वाले 6 गांवों बारी, सजवानिया, रेल, खड़िया देव, आडीभीत और कटुम्बी में रहने वाले करीब 3 हजार लोगों को विस्थापित किया जाना है। इन परिवारों को सरकार द्वारा 415 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है। इसके बदले में 553 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। इन गांवों से विस्थापित होने वाले लोगों के लिए पास के खड़िया देव में 60 हेक्टेयर जमीन मकान बनाने के लिए ढूंढी गई है।
हरियापाड़ा में बनाई गई नई कॉलोनी
न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के छोटी सरवन के पास हरियापाड़ा में नई कॉलोनी बसाई गई है। यहां करीब 128 मकान बनाए गए है। विस्थापित परिवारों का ये भी कहना है कि ये मकान काफी छोटी साइज में है।

पिछले दिनों मानगढ़ में भी आदिवासियों ने पावर प्लांट का विरोध किया था।
18 जुलाई को मानगढ़ के प्रदर्शन में की थी पावर प्लांट रद्द करने की मांग
पिछले महीने 18 जुलाई को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए आदिवासियों ने सभा कर कई मुद्दे उठाए थे। इसमें भी उन्होंने छोटी सरवन में प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट को निरस्त करने की मांग की थी।

सरकार का दावा- पावर प्लांट पर मिसाइल अटैक भी बेअसर हाेगा
प्लांट के निर्माण में रिएक्टर बिल्डिंग के लिए बनाए जा रहे डोम में दाे दीवारें हाेंगी। दोनों दीवारों के बीच 50 मीटर का गैप हाेगा, जिससे हवा के दबाव काे नियंत्रित किया जा सके। इसे बनाने में 24 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट और 10 हजार मिट्रिक टन स्टील इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार का दावा है कि यह देश का 27वां सुरक्षित प्लांट हाेगा। इस पर मिसाइल अटैक भी पूरी तरह बेअसर रहेगा। किसी भी इमरजेंसी में यदि बाहर से पावर सप्लाई कट हो जाती है तो 3 मिनट में पावर प्लांट की इमरजेंसी सप्लाई अपने आप शुरू हो जाएगी। किसी भी असामान्य परिस्थिति में प्लांट अपने आप एक सेकेंड से भी कम समय में बंद हो जाएगा।