राजस्थान में छोटे बांधों के रखरखाव को लेकर बड़ा बदलाव, अब इस विभाग को मिली जिम्मेदारी, ये शर्तें शामिल

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Pali News: राजस्थान सरकार ने राज्य के 300 हेक्टेयर तक के छोटे बांधों का जिम्मा पंचायतीराज संस्थाओं से हटाकर सिंचाई विभाग को सौंपने का निर्णय लिया है. इससे 3,236 बांधों और तालाबों का प्रबंधन अब जल संसाधन विभाग क…और पढ़ें

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राजस्थान के पाली जिले का हेमावास बांध
हाइलाइट्स
- राजस्थान में छोटे बांधों का जिम्मा सिंचाई विभाग को सौंपा गया.
- 3,236 बांधों का प्रबंधन अब जल संसाधन विभाग करेगा.
- मानसून से पहले बांधों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है.
पाली. राजस्थान में मानसून सक्रिय होने से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है. राज्य के 300 हेक्टेयर तक के छोटे बांधों का जिम्मा अब सिंचाई विभाग संभालेगा. प्रदेश के 3,236 बांधों को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव है. हस्तांतरण के बाद इन बांधों की जल संरचनाओं का प्रबंधन सिंचाई विभाग करेगा. इन बांधों का भौतिक सत्यापन सिंचाई विभाग ने शुरू कर दिया है. हस्तांतरण के बाद बांधों और तालाबों की मरम्मत, रखरखाव, आय प्राप्ति और जल उपयोग का जिम्मा जल संसाधन विभाग के अधीन रहेगा.
मानसून के दौरान रखरखाव में आ सकती है मुश्किलें
पंचायतीराज संस्थाओं के बांधों का भौतिक सत्यापन सिंचाई विभाग के एक्सईएन और पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा. यह कार्य मानसून से पहले करना होगा ताकि बांधों और तालाबों का रखरखाव हो सके. सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मानसून आने में कम समय बचा है. वहीं हस्तांतरण प्रमाण पत्र में बांध या तालाब का नाम, गांव, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, तहसील और जिले का नाम लिखा होगा. इसके साथ ही अक्षांश और देशांतर, सिंचित क्षेत्र, भराव क्षमता, मुख्य नहर की लंबाई, मिट्टी के पाल की स्थिति, डूब क्षेत्र में सिल्ट भराव की स्थिति, स्पिलवे, स्लयूज की स्थिति और नहरी तंत्र के हालात अंकित कर प्रमाण पत्र देना होगा. इसके अलावा दस साल की जल आवक भी बतानी होगी.