राजस्थान के इस मंदिर में महिलाएं निभाती हैं पुजारी की भूमिका… बुधवार लगता भक्तों का मेला, हर मन्नत होती है पूरी!

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Nagaur Temple News: नागौर के कुचामन सिटी स्थित गणेश डूंगरी मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है, जहां महिला पुजारी भी पूजा करती हैं. यह मंदिर न सिर्फ श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि महिला सशक्तिकरण का प्रतीक …और पढ़ें

पहाड़ी वाले गणेश जी
हाइलाइट्स
- कुचामन का गणेश डूंगरी मंदिर महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है.
- यह राजस्थान का एकमात्र मंदिर है जहां महिला पुजारी भी पूजा करती हैं.
- श्रद्धालु दूर-दूर से आकर मनोकामनाएं पूरी होने की कामना करते हैं.
नागौर. नागौर के कुचामन सिटी स्थित गणेश डूंगरी मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है. यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा गणेश मंदिर है जहां पुरुषों के साथ-साथ महिला पुजारी भी पूजा-अर्चना करती हैं. यह परंपरा न केवल सामाजिक दृष्टिकोण से उल्लेखनीय है बल्कि धार्मिक भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी का प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है.
समाज में समानता का प्रतीक
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां महिला पुजारी भी नियमित पूजा करती हैं. आम तौर पर पुजारी का दायित्व पुरुषों को सौंपा जाता है. लेकिन इस मंदिर में महिला पुजारी की उपस्थिति समाज में लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है. यह परंपरा यह दर्शाती है कि महिलाएं भी धार्मिक कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ निभा सकती हैं.
प्राचीन मूर्ति और मनोकामनाएं पूरी होने का विश्वास
स्थानीय मान्यता के अनुसार यह मंदिर पहाड़ी वाले गणेश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि यहां एक प्राचीन गणेश मूर्ति स्थित है. स्थानीय पुजारी का कहना है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी को याद करके की जाती है. कुचामन और आसपास के लोग यहां श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. उनका विश्वास है कि पहाड़ी वाले गणेश जी उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.