राजकोट गेम जोन हादसे में गुजरात सरकार को फटकार: हाईकोर्ट ने कहा- छोटे अफसरों को पकड़ा या सस्पेंड किया, बड़ी कार्रवाई कब होगी? – Gujarat News
राजकोट के TRP गेम जोन में 25 मई की शाम लगी भीषण आग में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी।
राजकोट के TRP गेम जोन में 25 मई की शाम आग लग गई थी। इस हादसे में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी। इसी मामले को लेकर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। गुरुवार को हाई कोर्ट ने चौथी बार सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट
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कोर्ट ने 15 दिन में एक फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट मांगी
गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान कहा- 15 दिन में एक फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट दी जाए, जिसमें किसने लापरवाही की, किसकी क्या भूमिका रही, कौन अपनी जिम्मेदारी सही पूरी नहीं कर पाया। इन सभी सवालों के जवाब शामिल होने चाहिए।
7 में से 3 आरोपियों (युवराज सिंह सोलंकी, राहुल राठौड़ और नितिन जैन) को 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया।
कोर्ट ने मोरबी और हरणी लेक हादसे का भी जिक्र किया
अदालत ने मोरबी और वडोदरा की हरिणी लेक हादसे का भी जिक्र करते हुए कहा, इन सभी हादसों में स्थानीय नगर निगमों की लापरवाही सामने आई है, यह नगर निगम कैसे कम कर रहे हैं? इन्होंने सही से काम किया होता तो इतने बड़े-बड़े हादसे नहीं होते। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को भी सभी स्कूलों की जांच के आदेश दिए हैं।
आरोपियों की ओर से परिजन को मुआवजा दिया जाए
करीब दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान अदालत में नगर निगम के वकील, महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता, जीएचएए (गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन) के अध्यक्ष और फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी मौजूद थे।पीड़ितों की ओर से पैरवी करते हुए वकील अमित पांचाल ने कहा कि आरोपियों की ओर से मृतकों के परिजन को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
सपाट मैदान में तब्दील हो चुके गेम जोन का ड्रोन व्यू।
7 में से 3 आरोपियों को 14 दिन की पुलिस कस्टडी
इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया है। इनके नाम धवल ठक्कर, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरण, राहुल राठौड़, युवराज सिंह सोलंकी और मैनेजर नितिन जैन हैं।
इनमें से तीन युवराज, राहुल और नितिन जैन को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। इन्हें कोर्ट ने 14 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। बाकी चार की तलाश जारी है। एक फुटेज में प्रकाशचंद हिरण गेम जोन के अंदर दिखाई दिया है। भाई का दावा है कि इस हादसे में प्रकाशचंद की मौत हो चुकी है।
राजकोट गेम जोन हादसे पर एक नजर
हादसे के दौरान गेम जोन के अंदर का सीसीटीवी फुटेज।
आग कैसे लगी
किराए की 2 एकड़ जमीन पर तीन मंजिला गेम जोन 2020 में बनाया गया था। इसका स्ट्रक्चर लकड़ी और टीन शेड का था। कई जगह रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम भी चल रहा था। एक जगह सीढ़ी पर वेल्डिंग के दौरान निकली चिनगारी से ब्लास्ट हुआ और आसपास आग लग गई।
आग तेजी से क्यों फैली
गेम जोन का डोम कपड़े और फाइबर से बना था। स्ट्रक्चर लकड़ी, टीन और थर्मोकोल शीट से बनाया गया था। फर्श पर भी रबर, रेग्जीन और थर्मोकोल लगा था। इसके अलावा गेमजोन में 2 हजार लीटर डीजल और 1500 लीटर पेट्रोल भी स्टोर किया गया था। इसलिए आग कुछ मिनटों में ही तेजी से फैल गई।
तीन मंजिला स्ट्रक्चर में नीचे से ऊपर जाने के लिए केवल एक सीढ़ी थी।
ज्यादा नुकसान की वजह
चश्मदीद के मुताबिक, आग नीचे से ऊपर तक कुछ ही मिनटों में फैल गई थी। तीन मंजिला स्ट्रक्चर में नीचे से ऊपर जाने के लिए केवल एक सीढ़ी थी। दूसरी और तीसरी मंजिल के लोगों को भागने का मौका नहीं मिला।
सभी शवों के डीएनए टेस्ट हुए
हादसे में शव इतनी बुरी तरह जले थे कि उनकी पहचान मुश्किल थी। इसके चलते सभी शवों के DNA टेस्ट कराए गए थे। राजकोट के सभी गेम जोन बंद कर दिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव के मुताबिक, टीआरपी गेम जोन के पास फायर NOC तक नहीं थी। सरकार ने जांच के लिए SIT बनाई है।