यूपी में शिक्षकों की अब खैर नहीं! इंटर कॉलेजों में ऐसे होगी निगरानी

Online Monitoring: माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड से जुड़े राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और शैक्षिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए प्रयागराज मंडल से ऑनलाइन मॉनिटरिंग के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो गई है. ऑनलाइन मॉनिटरिंग के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेंद्र देव और संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रयागराज मंडल दिब्य कांत शुक्ल ने शनिवार को संयुक्त रूप से किया.
प्रयागराज मंडल के 150 राजकीय इंटर कॉलेज की शैक्षिक गतिविधियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रयागराज मंडल के कार्यालय में मॉडर्न कंट्रोल रूम बनाया गया है. कंट्रोल रूम से मंडल के चार जिलों प्रयागराज प्रतापगढ़ फतेहपुर और कौशांबी के 150 राजकीय इंटर कॉलेज की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की शुरुआत की गई है. इसमें प्रयागराज के 35, कौशांबी के 25, फतेहपुर के 47 और प्रतापगढ़ के 43 राजकीय इंटर कॉलेज की मॉनिटरिंग की जा रही है. संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक प्रयागराज के कार्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम से सीधे इन स्कूलों के क्लासरूम की मॉनिटरिंग हो रही है.
इससे यह पता चलेगा कि स्कूलों में शिक्षक पढ़ाई करा रहे हैं या नहीं. इसके साथ ही स्कूलों में चल रही अन्य गतिविधियों का भी पता चल सकेगा. तकनीक का प्रयोग कर बगैर फिजिकल विजिट किए स्कूलों की मॉनिटरिंग कर सकेंगे. इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेंद्र देव ने कहा है राजकीय इंटर कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे मेधावी हैं. इन्हें बस सही गाइडेंस की जरूरत है. किसी कौशल की कमी न हो इसका प्रयास हो रहा है. इसी उद्देश्य से यह ऑनलाइन मॉनिटरिंग की व्यवस्था शुरू की गई है. इसमें अभिभावकों और शिक्षकों के सहयोग की जरूरत है.
उन्होंने कहा है कि रिटायर्ड शिक्षकों से भी आह्वान करेंगे कि वह हमारे स्कूलों में आकर पढाएं. उन्होंने कहा है कि प्रयागराज मंडल में जो प्रयास किया गया है यह सराहनीय है. इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी होगी. कहा है कि इसका फ़ीड बैक भी लेंगे. प्रयास यह है कि हमारे सभी विद्यालय कैमरे के सामने हों. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में 2300 राजकीय इंटर कालेज हैं. दिसंबर तक सभी राजकीय इंटर कॉलेजों को ऑनलाइन मॉनिटरिंग व्यवस्था से जोड़ा जाएगा.
वहीं संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा प्रयागराज मंडल दिब्य कांत शुक्ल के मुताबिक दूसरे चरण में मंडल के ऐडेड स्कूलों और वित्त विहीन स्कूलों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा. जिससे मंडल के 360 ऐडेड स्कूल भी इससे जुड़ जाएंगे. इससे क्लासेज में पढ़ाई की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी. संयुक्त शिक्षा निदेशक दिब्य कान्त शुक्ल के मुताबिक शिक्षा के स्तर को और अधिक बेहतर बनाने के लिए ही क्लासेज की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है.
यूपी बोर्ड के सचिव रहे दिब्य कांत शुक्ल ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इस अभियान में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आया है. यूपी बोर्ड की तरफ से बोर्ड की परीक्षा के दौरान निगरानी के लिए स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे. उन्हीं कैमरों की मदद से परीक्षा के दौरान क्लासेज की निगरानी की जाती थी. अब उन्हीं कैमरों की मदद से कक्षाओं में हो रही पढ़ाई की भी ऑनलाइन निगरानी की जा रही. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसके प्रयोग से माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में निश्चित तौर पर और सुधार आएगा.
गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड से 27 हजार से ज्यादा स्कूल सम्बद्ध हैं. यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं निष्पक्ष, पारदर्शी और शुचिता पूर्ण कराने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई थी. यूपी बोर्ड मुख्यालय और लखनऊ में बनाए गए कंट्रोल रूम से परीक्षा केंद्रों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की गई. जिसके चलते पूरे प्रदेश में नकल विहीन परीक्षा कराई जा सकी थी. अब इस पायलट प्रोजेक्ट के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ाए जाने की तैयारी है. ताकि राजकीय इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे भी मेरिट में जगह बना सकें.
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FIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 13:23 IST