Published On: Sun, Jul 28th, 2024

यूट्यूब से सीखी बागवानी, 3 एकड़ में केला लगा कर 10 लाख सलाना कमा रहा बिहार का युवा किसान


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आधुनिकता की इस दौर में कृषि के क्षेत्र में हो रहे प्रयोग किसानों के लिए समृद्धि का द्वार खोलने का काम कर रहा है। पारंपरिक खेती में लगातार हो रहे घाटे का बाद धीरे-धीरे किसान इससे न सिर्फ दूरी बना रहे हैं बल्कि विकल्प के तौर पर व्यवसायिक खेती को अपनाना शुरू कर दिया है।

गया जिले के गुरारू प्रखंड के डब्बुर गांव के किसान विनीत रंजन ने पारंपरिक खेती धान, गेंहू, मूंग, मक्का की फसल छोड़कर केले की खेती शुरू की है। अलग-अलग प्रकार के केले के उत्पादन से किसानों की आर्थिक उन्नति की ओर कदम बढ़ाया है। गुरारू के डबरु गांव के किसान विनीत रंजन ने तीन एकड़ में केले की खेती शुरू की है। किसान ने बताया कि यहां की जलवायु और मिट्टी अनुकूल रहने के कारण केले का जबरदस्त पैदावार होने की उम्मीद है। केले में अच्छी फल आया है। मौसम अनुकूल रहता है तो केले की बेहतर पैदावार अच्छी होगी।

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यूट्यूब से बागवानी का सीखा तरीका 

किसान विनीत रंजन ने बताया कि यूट्यूब के जरिए इसकी बागवानी का तरीका सीखा। उद्यान विभाग से इन्हें निशुल्क केले का पौधा उपलब्ध कराया गया और इन्होंने तीन एकड़ में लगभग 3300 पौधे लगाए हुए हैं। केले के पौधे में खूब फल आया है।कुछ ही दिनों में इसकी हार्वेस्टिंग शुरू हो जाएगी। एक केले के थम से लगभग 30 से 35 किलो तक फल निकले की उम्मीद है।

एक एकड़ केले की खेती में 1.30 लाख की लागत

किसान विनीत रंजन ने बताया कि केले की खेती में प्रति एकड़ 1 लाख 30 हजार की लगभग लागत आती है, जबकि मुनाफा पूंजी निकाल कर डबल हो जाता है। किसान ने बताया कि प्रति एकड़ जमीन में 1200 से अधिक पौधे लगाए जाते है। वहीं फसल को तैयार होने में लगभग एक साल का समय लग जाता है। उन्होंने बताया कि एक पौधे में एक कांधि केला तैयार होता है। जिसका वजन 30-35 किलो होता है। वहीं व्यापारी खेत से ही दर्जन नहीं बल्कि 15 से 20 रुपये प्रति किलो के दर से खरीदकर लें जाते हैं। बताया कि जी 9 किस्म के केले की डिमांड पूरे देश में है।

तीन एकड़ में 10 लाख रुपये बचत की उम्मीद

किसान विनीत कुमार रंजन बताते हैं कि तीन एकड़ की बागवानी से लगभग 10 लाख रुपये की बचत होने की उम्मीद है। जी 9 किस्म के केले का पौधा लगाया है। जिसकी खेती लगभग हर देश में की जाती है। विनीत बताते हैं कि गया जिले का तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस होने के बावजूद इन्होंने केले की सफल बागवानी की है। हर सप्ताह केले के एक पौधे को लगभग 6 से 7 लीटर पानी की जरूरत होती है। लगभग 750 क्विंटल फल का उत्पादन होगा।

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