Published On: Tue, Nov 26th, 2024

याचिकाकर्ता ने कहा- EVM नहीं, बैलट से चुनाव हो: सुप्रीम कोर्ट बोला- पार्टियों को दिक्कत नहीं, आपको है; ऐसे आइडिया कहां से लाते हैं


नई दिल्ली53 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने ये फैसला सुनाया। - Dainik Bhaskar

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने ये फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलेक्शन में बैलेट पेपर वोटिंग सिस्टम को दोबारा शुरू करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा- EVM से पार्टियों को दिक्कत नहीं है, आपको क्यों है। ऐसे आइडिया कहां से लाते हो।

इस पर याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा- चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ पर सवाल उठाए हैं।

बेंच ने कहा, चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी जब चुनाव हारते हैं तो कहते हैं कि EVM से छेड़छाड़ होती है और जब वे जीतते हैं तो वे कुछ नहीं कहते हैं।

हम इसे कैसे देख सकते हैं। हम इसे खारिज कर रहे हैं। ये वो जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस करें। आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं? आपका कार्य क्षेत्र बहुत अलग है।

बता दें कि पॉल ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं, जिसने 3 लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं का रेस्क्यू किया है।

VVPAT एक वोट वेरिफिकेशन सिस्टम है, जिससे पता चलता है कि वोट सही तरीके से गया है या नहीं।

VVPAT एक वोट वेरिफिकेशन सिस्टम है, जिससे पता चलता है कि वोट सही तरीके से गया है या नहीं।

अमेरिका जैसे देशों में भी बैलेट पेपर से वोटिंग याचिकाकर्ता केए पॉल ने इलॉन मस्क की टिप्पणियों का संदर्भ दिया जिन्होंने सुझाव दिया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। EVM लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा- मैंने 150 से अधिक देशों का दौरा किया है और अधिकांश ने बैलेट पेपर वोटिंग को अपनाया है। पॉल ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत को भी यही तरीका अपनाना चाहिए।

इस पर बेंच ने कहा कि आप दूसरे देशों से अलग क्यों नहीं होना चाहते हैं। याचिकाकर्ता केए पॉल ने बेंच से चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान वोटर्स को पैसा, शराब और दूसरी चीजों का लालच देने का दोषी पाए जाने पर ऐसे उम्मीदवारों को कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए।

17 अक्टूबर: हरियाणा चुनाव से जुड़ी कांग्रेस की याचिका खारिज हुई थी 16 अक्टूबर को कांग्रेस की ओर से प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर वोटिंग-काउंटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने EVM से हरियाणा में चुनाव कराए हैं। उसी के आधार पर रिजल्ट भी घोषित किए, मगर कुछ EVM 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ 60-70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं। कुछ EVM में काउंटिंग वाले दिन भी 99 प्रतिशत बैटरी थीं।

17 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ऐसी याचिका दायर करने पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आप कागजात सौंपिए, हम देखेंगे।

तत्कालीन CJI डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला ​​​​​​की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए पूछा था- क्या आप चाहते हैं कि हम चुनी हुई नई सरकार का शपथग्रहण रोक दें?’ पूरी खबर पढ़ें…

26 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट में EVM-VVPAT के 100% मिलान की मांग खारिज, कहा था- बैलट पेपर से चुनाव नहीं होंगे

इसी साल 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर से चुनाव कराने और इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT स्लिप की 100% क्रॉस-चेकिंग कराने से जुड़ी याचिकाएं खारिज की थीं। साथ ही EVM के इस्तेमाल के 42 साल के इतिहास में पहली बार जांच का रास्ता खोला था। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना ने ये फैसला सुनाया था।

इससे पहले 24 अप्रैल को 40 मिनट की सुनवाई के बाद बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि हम मेरिट पर दोबारा सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हम कुछ निश्चित स्पष्टीकरण चाहते हैं। हमारे कुछ सवाल थे और हमें जवाब मिल गए हैं। फैसला सुरक्षित रख रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>