मोदी के सबका साथ, सबका विश्वास के खिलाफ है योगी का दुकान पर नाम लिखवाना: केसी त्यागी
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कांवड़ यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों और ढाबों पर मालिकों के नाम लिखवाने वाले यूपी की योगी सरकार के आदेश को लेकर एनडीए में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। जहां विपक्ष योगी सरकार के खिलाफ हमलावर है। तो वहीं अब बीजेपी के अपने भी इस फैसले के खिलाफ हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी दुकानों पर नाम लिखवाने के आदेश से किनारा कर लिया है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने आदेश के पुनर्विचार की बात कही है।
एएनआई से बातचीत में केसी त्यागी ने कहा कि इससे बड़ी यात्रा बिहार में निकलती है, वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है। प्रधानमंत्री की जो व्याख्या है ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास’ वाली पीएम मोदी की जो भारतीय समाज और एनडीए के बारे व्याख्या है, उसमें ये लगाए गए प्रतिबंध, पीएम मोदी के इस व्याख्या के विरुद्ध हैं। इस नियम पर पुनर्विचार हो तो अच्छा है। हम एनडीए को खुशहाल और मजबूत होते देखना चाहते हैं। पीएम मोदी की कीर्ति कम ना हो, यह चाहते हैं। इसलिए चाहते हैं कि यह नियम वापस हो। इस नियम पर समीक्षा होनी चाहिए।
वहीं एनडीए के सहयोगी लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। और कहा कि जब कोई विभाजन जाति-धर्म के आधार पर होता है, तो मैं इसका सपोर्ट कतई नहीं करता। यूपी में बीजेपी सरकार के फैसले के खिलाफ उनके सहयोगी ही खड़े हो गए हैं। यूपी में आरएलडी और बिहार में जेडीयू और लोजपा (आर) ने इस फैसला का विरोध किया है।।
आपको बता दें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाली दुकानों-ढाबों के मालिक का नाम पहचान लिखना होगा। यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। जिसके बाद सपा-कांग्रेस और मायावती की बसपा ने विरोध किया है। और अब इस फैसले को विरोध में बीजेपी के सहयोगी भी खडे हो गए हैं।