मुगलों से कभी नहीं हारे महाराणा प्रताप! राजस्थान की डिप्टी CM ने इतिहास को बताया भ्रामक, कहा-तथ्य सामने लाएंगे

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राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी का हल्दीघाटी युद्ध पर दिया बयान सोशल मीडिया में सुर्खियों में हैं. उनका दावा है कि साल 2021 में उन्होंने शिलालेख को बदलवाया था जिसमें लिखा था महाराणा प्रताप युद्ध हार गए.

राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी. (@KumariDiya)
जयपुर. राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी का हल्दीघाटी युद्ध में मेवाड़ के शूरवीर राजा महाराणा प्रताप और मुगल सम्राट अकबर पर दिया बयान वायरल हो गया है. उन्होंने जयपुर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप संस्था की ओर से आयोजित महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती समारोह में कहा कि हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि पहले हल्दीघाटी के शिलालेख में लिखा था कि महाराणा प्रताप हार गए और अकबर विजयी रहे. इस शिलालेख को उन्होंने 4 साल पहले बदलवा दिया था.
दिया कुमारी ने आगे कहा कि उन्होंने साल 2021 में अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ मिलकर इस शिलालेख को बदलवाया. अब हल्दीघाटी में इस शिलालेख में लिखा हुआ है कि अनुसार महाराणा प्रताप ने युद्ध जीता. दिया कुमारी ने इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक सत्य को सामने लाने का प्रयास है. बता दें कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने 2021 में राजस्थान के राजसमंद जिले के रक्ततलाई से वो एक शिलालेख हटा दिया था, जिस पर लिखा था कि 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप की सेना को पीछे हटना पड़ा था. उस समय दिया कुमारी राजसमंद क्षेत्र से सांसद थीं.
2023 में राजस्थान में बीजेपी के पूर्ण बहुमत पर आने पर उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया. जयपुर के विद्याधर नगर से MLA दिया कुमारी ने महाराणा प्रताप के साहस, स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष को याद करते हुए कहा कि उनकी विरासत राजस्थान के लिए गर्व का विषय है. उन्होंने युवाओं से प्रेरणा लेने की अपील की और कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन देशभक्ति और बलिदान का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार उनके आदर्शों पर चलते हुए शिक्षा, संस्कृति और इतिहास के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है.
हल्दीघाटी युद्ध के विजेता पर होता रहा है विवाद
हल्दीघाटी की लड़ाई 21 जून 1576 को हुई थी. मुगल बादशाह अकबर की तरफ से सेना का नेतृत्व मान सिंह कर रहे थे. वहीं, मेवाड़ की तरफ से महाराणा प्रताप लड़ रहे थे. उनके साथ हकीम खान सूर थे. कई इतिहासकारों का दावा है कि इस युद्ध में कोई विजय नहीं हुआ.
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से News18Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
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