मुख्य सचिव का सौरव भारद्वाज को नहले पर दहला… दिया मंत्री जी के नोटिस का जवाब
IAS कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में डूबकर तीन छात्रों की मौत हो गई.दिल्ली सरकार ने इस मामले में चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी किया था.अब नोटिस का जवाब देते हुए सेक्रेटरी ने कई अहम मुद्दे उठाए.
नई दिल्ली. ओल्ड राजेंद्र नगर में राव कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में डूबकर तीन छात्रों की मौत के मामले में राजधानी में खूब राजनीति हो रही है. दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस मामले में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. अब नरेश कुमार की तरफ से ऐसा जवाब दिया गया है, जिससे बॉल फिर मंत्री जी के पाले में ही नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि शहर में नालों पर अतिक्रमण इतना ज्यादा है कि इसे बिना किसी कानून के नियंत्रित नहीं किया जा सकता.
इतना ही नहीं चीफ सेक्रेटरी ने शहरी विकास मंत्री भारद्वाज के एक नोट के जवाब में दिल्ली के लिए जल निकासी योजना की सिफारिशों से जुड़ी फाइल को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया. इसमें ‘दिल्ली के लिए वर्षा जल एवं जल निकासी अधिनियम’ की आवश्यकता भी शामिल है, ताकि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कानून का मसौदा तैयार किया जा सके. दिल्ली के लिए सुझाव दिए गए ‘वर्षा जल एवं जल निकासी अधिनियम’ में शहर के नालों पर अतिक्रमण और मलबा, सिविक बॉडी और इंडस्ट्रियल सॉलिड वेस्ट पर एक्शन का प्रावधान प्रस्तावित है.
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अगस्त 2023 से पेंडिंग है फाइल…
मुख्य सचिव ने भारद्वाज को भेजे अपने जवाब में कहा कि फाइल अगस्त 2023 से उनके पास लंबित है. भारद्वाज सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री भी हैं. राजेंद्र नगर में शनिवार शाम हुई घटना पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कुमार ने कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण घटना के स्थान की तस्वीरों से पता चलता है कि किस तरह से उस स्थान पर वर्षा जल निकासी प्रणाली पर इमारत के मालिक ने अतिक्रमण कर लिया था.”
नाले को ग्रेनाइट पत्थर से ढका गया…
मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसी स्थिति पूरे शहर में है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के लिए जल वर्षा एवं निकासी अधिनियम के अभाव में वर्षा जल निकासी प्रणाली में इस तरह की व्यापक रुकावट को नियंत्रित नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा कि इसी समस्या के कारण जब भी दिल्ली में भारी बारिश होती है तो शहर के कई स्थान जलमग्न हो जाते हैं. एमसीडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ओल्ड राजेंद्र नगर में संपत्ति मालिकों ने नाले को ग्रेनाइट और संगमरमर के पत्थरों से ढक दिया है, जिससे उनकी सफाई की कोई गुंजाइश नहीं बची और उसमें बारिश का पानी जाने में बाधा उत्पन्न हो रही है. भारद्वाज ने मुख्य सचिव को भेजे अपने नोट में कहा कि उन्होंने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव से इस बात की पुष्टि की है कि फाइल के संबंध में उनकी ओर से कोई निर्णय लंबित नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 20:53 IST