मिशन BMC में जुटे एकनाथ शिंदे, एक बार फिर दोफाड़ होगी उद्धव ठाकरे की शिवसेना?

नए साल में उद्धव ठाकरे अपनी शिवसेना (यूबीटी) को मजबूत बनाकर नई ताकत देने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर उन्हें बड़े झटके भी लगने वाले हैं. तीन साल पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को विभाजित कर पार्टी पर ही कब्जा कर लिया था. अब विधानसभा चुनाव के बाद भी पार्टी टूटने जा रही है. ऐसी खबर है कि पार्टी विभाजन के बाद ठाकरे का समर्थन करने वाले पूर्व विधायक राजन साल्वी शिवसेना की मशाल छोड़कर बीजेपी का कमल थामेंगे. उधर, शिंदे गुट के एक सांसद ने संकेत दिया है कि मुंबई में ठाकरे के विधायक उनका साथ छोड़ देंगे.
लोकसभा चुनाव में हार के बाद महायुति ने विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को हराकर सत्ता हासिल की. इस चुनाव में ठाकरे की शिवसेना के केवल 20 विधायक चुने गए. इस चुनाव में हार से कई लोग सदमे में थे. अब दावा किया गया है कि राजन साल्वी के बाद कुछ और मौजूदा विधायक ठाकरे का साथ छोड़ देंगे.
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने आलोचना करते हुए कहा कि शिवसेना ठाकरे गुट में उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया है. उन्होंने इस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी कि पूर्व विधायक राजन साल्वी ठाकरे का साथ छोड़ने वाले हैं. म्हस्के ने कहा कि जब तक उन्हें लोगों की जरूरत होती है, तब तक उद्धव ठाकरे उनसे पूछते हैं. उन्होंने कहा कि ठाकरे की शिवसेना की नैया डूबने वाली है.
मुंबई से भी विधायक जाएंगे…
सांसद म्हस्के ने कहा कि शिवसेना ठाकरे गुट पतन की ओर है. अब मुंबई के विधायकों ने भी उनका समर्थन छोड़ने का दावा किया है. मुंबई नगर निगम का चुनाव है. उन्होंने कहा कि वह महायुति के तौर पर लड़ने को तैयार हैं. महायुति के नेता मिल-बैठकर फैसला लेंगे. सांसद म्हस्के ने कहा कि नगर निगम में गठबंधन नहीं होने पर भी हम स्वतंत्र रूप से लड़ने के लिए तैयार हैं और यही हमारी ताकत है.
महायुति धर्म का पालन होगा…
सांसद म्हस्के ने कहा कि हम महायुति धर्म का पालन करेंगे. महायुति कोई पद पाने के लिए नहीं है. महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा देने के लिए कांग्रेस से मुकाबले के लिए यह महागठबंधन बनाया गया है. इसलिए सभी को महायुति धर्म का पालन करना चाहिए.
ठाणे के संरक्षक मंत्री कौन हैं?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्ट्राइक रेट क्या है या किसी ने कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा है या कितनी सीटें जीती हैं. म्हस्के ने यह भी कहा कि लोकसभा के लिहाज से हमारी सीटें ज्यादा हैं. चूंकि ठाणे शिवसेना का गढ़ है, इसलिए उनका मानना है कि ठाणे के संरक्षक मंत्री का पद शिवसेना को मिलना चाहिए, लेकिन उन्होंने सतर्क प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह निर्णय नेताओं द्वारा लिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 13:42 IST