मिट्टी में दफन बच्चे का शव लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन, महिला तांत्रिक ने कहा-अभी जिंदा कर दूंगी इसे
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आस्था और अंधविश्वास के बीच हल्की सी लाइन होती है। अक्सर लोग अंधविश्वास में उलझकर अजीबोगरीब हरकतें करने लगते हैं। ऐसी ही एक चौकाने वाली हरकत बिहार के भागलपुर से सामने आई है। भागलपुर के नवगछिया में एक पिता, तांत्रिक के झाड़-फूक के चलते अपनी मरे हुए बच्चे के शव को जमीन से खोदकर अस्पताल लेकर पहुंच गया।
अस्पताल में जाकर डॉक्टर से कहा कि मेरा बच्चा जिंदा है इसको ऑक्सीजन लगाओ। अस्पताल में उसके साथ एक महिला तांत्रिक भी आई थी। उसने वहीं पर झाड़ फूंक करना शुरू कर दिया। वह दावा कर रही थी कि वो बच्चे को जिंदा कर देगी। इस हरकत से अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी सन्न रह गए। डॉक्टरों ने इसका विरोध किया, क्योंकि इसी अस्पताल में बीते 24 घंटे पहले बच्चे की मौत हो चुकी थी। विरोध के बावजूद घरवालों ने अस्पताल की एक न सुनी। इसके बजाय उन्होंने वहां उत्पात मचाना शुरू कर दिया ।
नोनिया पट्टी निवासी महतो की 10 महीने के बच्चे का इलाज बीते 2 दिन से नवगछिया के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। यहां उसकी तबियत अधिक खराब हुई तो वो भागलुपर के अस्पताल ले गए। वहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद घरवालों ने वापस आकर बच्चे की लाश को दफन कर दिया।
इसी बीच गांव में झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी ने दावा ठोक दिया कि उसकी बेटा जिंदा है। मेरे ऊपर ऊगवती आती हैं। बच्चे को अस्पताल लेकर चलो मैं उसे जिंदा कर दूंगी और फिर यहां से शुरू हुआ अंधविश्वास का खेल। घरवाले दफन बच्चे को खोदकर ले आए और सैकड़ों की संख्या में गावंवालों को लेकर अस्पताल पहुंच गए। वहां जाकर शुरू हुआ झाड़-फूंक और टोना-टोटका का खेल।
डॉक्टरों के द्वारा आपत्ति जताए जाने पर गांव वालों ने अस्पताल में ही कोहराम मचाना शुरू कर दिया। मामले को तूल पकड़ता देख अस्पताल के मेनेजमेंट नें आनन-फानन में पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया। झाड़ फूंक का स्वांग रचने वाली महिला सोनी देवी को पुलिस कस्टडी में लेकर थाने ले गई। इसके बाद बच्चे को फिर से विधिवत तरीके से दफन किया गया।