Published On: Tue, Nov 5th, 2024

मालेगांव केस सुनने वाली कोर्ट को ब्लास्ट की धमकी: रजिस्ट्रार के ऑफिस में आया धमकी भरा कॉल; पूर्व सांसद प्रज्ञा के खिलाफ जमानती वारंट जारी


मुंबई4 घंटे पहले

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29 सितम्बर 2008 को महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में बम ब्लास्ट हुआ था। - Dainik Bhaskar

29 सितम्बर 2008 को महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में बम ब्लास्ट हुआ था।

मालेगांव बम विस्फोट मामले में सुनवाई कर रही स्पेशल NIA कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। एक सरकारी वकील ने मंगलवार को बताया कि 30 अक्टूबर को कोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस में फोन कॉल आया था। कॉलर ने कहा, मामले की सुनवाई वाले कोर्ट रूम नंबर 26 को बम से उड़ा देंगे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामले की सुनवाई दक्षिण मुंबई के सिविल कोर्ट में चल रही है।

इधर, स्पेशल NIA कोर्ट ने मामले में आरोपी नंबर एक भाजपा नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ पेशी पर न आने के लिए जमानती वारंट जारी किया। प्रज्ञा मेडिकल कंडीशन का हवाला देकर 4 जून से काेर्ट की कार्रवाई में शामिल नहीं हुई हैं।

2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सातों आरोपियों को जमानत दे दी थी।

2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सातों आरोपियों को जमानत दे दी थी।

प्रज्ञा के खिलाफ 10 हजार का जमानती वारंट

मंगलवार को स्पेशल जज एके लाहोटी ने ठाकुर के खिलाफ 10,000 रुपए का जमानती वारंट जारी करते हुए कहा कि फाइनल बहस चल रही थी और आरोपी का कोर्ट रूम में होना जरूरी है। यह वारंट 13 नवंबर तक वापस किया जा सकता है, जिसका मतलब है कि ठाकुर को तब तक अदालत में पेश होना होगा और इसे रद्द करवाना होगा।

जस्टिस लाहोटी ने कहा कि बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के आधार पर छूट के लिए उनके पिछले आवेदनों पर समय-समय पर विचार किया गया था। आज भी आवेदन के साथ मेडिकल सर्टिफिकेट की एक फोटोकॉपी भी दाखिल की गई, जिसमें दिखाया गया है कि वह आयुर्वेदिक उपचार करवा रही हैं, लेकिन ओरिजनलसर्टिफिकेट नहीं है। इसलिए कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

क्या है 2008 का मालेगांव ब्लास्ट केस

महाराष्ट्र के मालेगांव (मुंबई से करीब 200 किमी दूर) में 29 सितंबर 2008 को ब्लास्ट हुआ था। यहां एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाई गई थी। घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा जख्मी हुए थे। मामले की जांच पहले महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) कर रही थी, 2011 में इन्वेस्टीगेशन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ट्रांसफर कर दी गई।

सात आरोपियों के खिलाफ केस चल रहा है

इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ केस चल रहा है। इन आरोपियों में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर समेत ले.कर्नल (रिटायर्ड) प्रसाद पुरोहित, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर द्विवेदी का नाम शामिल है।

2017 बॉम्बे हाईकोर्ट ने सातों आरोपियों को जमानत दे दी

अप्रैल 2017 बॉम्बे हाईकोर्ट ने सातों आरोपियों को जमानत दे दी थी। इस दौरान प्रज्ञा को पांच लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी। तब कोर्ट ने कहा था कि साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। कोर्ट ने यह भी कहा था कि साध्वी प्रज्ञा एक महिला हैं और आठ साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है और वो कमजोर हो गई हैं, बिना सहारे चलने में भी लाचार हैं।

मामले में 323 से ज्यादा गवाह, कई बयान से मुकरे

इस मामले में 323 गवाह हैं। उनमें से 34 फ्लिप हो गए हैं। बाकी 289 गवाहों के बयानों के आधार पर कोर्ट ने करीब 4-5 हजार सवालों का एक सेट तैयार किया है। इस मामले में इससे पहले कई गवाह अपने बयान से मुकरे है। अगस्त 2021 में सुनवाई के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ बयान देने वाला गवाह मुकर गया था। इसके बाद स्पेशल NIA कोर्ट ने उसे पक्षद्रोही करार दिया था।

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