Published On: Mon, Jul 8th, 2024

मां जेल में…6 महीने का बच्चा भूख से तड़प रहा: सास बोली-तीन पुलिसवाले मंजू को ले गए; हाथरस कांड के गिरफ्तार आरोपियों के घर से रिपोर्ट – Hathras News


नीचे लगी तस्वीर 6 महीने के वैदिक की है। अभी वह सिर्फ मां का दूध पीता है, लेकिन तीन दिन से उसे वह भी नसीब नहीं हुआ। पुलिस ने वैदिक की मां मंजू यादव को हाथरस केस में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मंजू के 3 और 5 साल के दो और बच्चे हैं। उनसे पूछा- मां कहा

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हाथरस केस में अब तक 9 गिरफ्तारी हुई हैं। 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है। मंजू के अलावा उनके मोहल्ले की एक और महिला को जेल भेजा गया है। दमदपुरा से नर्सरी में पढ़ाने वाले मुकेश कुमार को पकड़ा गया। फिरोजाबाद से उपेंद्र यादव की गिरफ्तारी हुई, जबकि वह आयोजनकर्ताओं की लिस्ट में नहीं है। परिवार का कहना है कि वह गए भी नहीं थे।

ये मंजू देवी का 6 महीने का बेटा वैदिक है। फिलहाल अपने बाबा-दादी के साथ है।

ये मंजू देवी का 6 महीने का बेटा वैदिक है। फिलहाल अपने बाबा-दादी के साथ है।

दैनिक भास्कर की टीम इस मामले में गिरफ्तार हुए 8 लोगों के घर पहुंची। उनकी परिस्थिति, सत्संग में जिम्मेदारी और बाबा से जुड़ाव जानने की कोशिश की। पहले चलते हैं मंजू यादव के घर…

सत्संग में पानी पिलाती थी, अब साजिशकर्ता
मंजू यादव का घर भगदड़ वाली जगह से करीब 10 किलोमीटर दूर कचौरा गांव में है। उसके घर पर सरकारी गल्ले की दुकान है। 10 साल पहले शादी हुई थी। तीन बच्चे हैं। सबसे छोटा बेटा अभी सिर्फ 6 महीने का है। हम जब घर पहुंचे, तो मंजू की सास सावित्री देवी बच्चों को संभाल रही थीं। बच्चों के पिता के बारे में पूछा तो पता चला कि वह बाहर रहते हैं।

मंजू की गिरफ्तारी को लेकर पूछा, तो सावित्री कहती हैं- 4 जुलाई की सुबह घर पर सादे कपड़े में तीन पुलिसवाले आए और शटर पीटने लगे। मंजू और हम उठे तो उन लोगों ने कहा कि हम बाबा के यहां से आए हैं। जल्दी चलिए, बुलाया गया है। इसके बाद वे लोग मंजू को लेकर चले गए।

मंजू के परिवार में कोई और बाबा से नहीं जुड़ा
मंजू की जेठानी विपिन देवी के पति की मौत हो चुकी है। हमने पूछा कि क्या परिवार में कोई और भी जुड़ा है? सावित्री कहती हैं- परिवार से कोई भी सत्संग में नहीं जुड़ा। मैंने मंजू से कुछ दिन पहले ही कहा था कि तुम्हारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, तुम क्यों सत्संग के पीछे भागती हो? लेकिन उसने सत्संग में जाना बंद नहीं किया। बस इसीलिए गिरफ्तार हुई।

मंजू के ससुर सत्य देव सिंह पुलिस विभाग में SI पद से रिटायर हुए हैं। वह कहते हैं- औरतें बहुत भावुक होती हैं। इस पूरी घटना में सारी गलती प्रशासन की है, उन्होंने व्यवस्था नहीं की। मंजू तो मनोकामना को लेकर वहां गई थी। अब अगर वहां कोई अप्रिय घटना घट जाए तो उसका क्या दोष?

पति से अलग अकेली रहती है, अब आरोपियों में शामिल
अब चलते हैं दूसरी मंजू यानी मंजू देवी के घर​​​​​​। ​मंजू यादव के घर से करीब 300 मीटर दूर उसका घर है। मंजू का पति से कोई मतलब नहीं। एक बेटा और बेटी हैं, जो बाहर रहते हैं। मंजू अकेले कचौरा में किराए के मकान में रहती है। गिरफ्तारी के बाद अब घर पर ताला लगा है। उसके घर के सामने ही मिथिलेश रहती हैं।

वह कहती हैं- मंजू यहां 10-12 साल से रहती है। बाबा के सत्संग से जुड़ी है। हम लोगों से भी चलने को कहा, लेकिन हम नहीं गए। अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पत्नी ने रोते हुए कहा- एक कमरे के घर में रहते हैं, आरोपी बना दिया
हमारी टीम हाथरस मामले में गिरफ्तार तीसरे आरोपी मुकेश कुमार के घर न्यू कॉलोनी दमदपुरा पहुंची। एक कमरे का घर। उसी में किचन और बेड था। भोले बाबा के बजाय घर में श्रीकृष्ण की मूर्ति और गणेश जी की फोटो थी। गिरफ्तारी के बाद से ही उनकी पत्नी संगीता का रो-रोकर बुरा हाल है।

संगीता कहती हैं- मेरे पति तो बच्चों को पढ़ाकर किसी तरह से परिवार चलाते हैं। वह 2 जुलाई को सत्संग में भी नहीं गए थे। सादी वर्दी में तीन लोग आए और कहा कि हम बाबा की तरफ से आए हैं, चलो हमारे साथ। कुछ पूछताछ होगी और उसके बाद वापस आ जाएंगे। वो लोग ले गए, लेकिन फिर वह वापस नहीं आए।

संगीता आगे कहती हैं- मेरा एक कमरे का घर है। 2010 में शादी हुई। 2017 में बच्चा हुआ। बच्चे की आंत में छेद था, 5 लाख रुपए लगाकर ऑपरेशन करवाया। आज तक कर्ज चुका नहीं पाई। अब मेरे साथ ऐसा हो गया।

मुकेश की मां भी यही दोहराती हैं। कहती हैं- वह तो बाबा के सत्संग में गया भी नहीं। मोहल्ले में किसी ने उसका नाम कमेटी में लिखा दिया और अब वह गिरफ्तार हो गया। बताइए उसका परिवार अब कैसे चलेगा।

पति की गिरफ्तारी के बाद से संगीता का रो-रोकर बुरा हाल है। एक कमरे के घर में रहती हैं। उसी में रहना, बनाना-खाना होता है।

पति की गिरफ्तारी के बाद से संगीता का रो-रोकर बुरा हाल है। एक कमरे के घर में रहती हैं। उसी में रहना, बनाना-खाना होता है।

ना आयोजनकर्ता हैं ना सत्संग में गए, फिर भी आरोपी
हमारी टीम हाथरस के बाद फिरोजाबाद पहुंची। यहां शिकोहाबाद में 63 साल के उपेंद्र यादव को गिरफ्तार किया गया है। हम उपेंद्र के घर पहुंचे। वहां हमारी मुलाकात उनके भतीजे आशीष से हुई। वह कहते हैं- हमारे ताऊ न वहां की आयोजक लिस्ट में थे और न ही उस कार्यक्रम में गए थे। इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया। FIR कॉपी में भी उनका नाम अन्य में रखा गया है। उपेंद्र के तीन बेटे हैं, सभी की शादी हो चुकी है।

उपेंद्र के बेटे निर्भय कहते हैं- इस मामले में सरकार राजनीति कर रही है। हमारे पापा का क्या दोष है? हम तो योगी जी से हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करवा लें। जो दोषी हो, उसे सजा दें।

उपेंद्र के छोटे भाई रविंद्र कहते हैं- हमारे भाई इस वक्त समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। पहले वह बसपा से जुड़े थे। वह साकार हरि के सत्संग में जाते थे, लेकिन आने पर हम लोगों से इस मामले पर बहुत बात नहीं करते थे।

सत्संग में सुरक्षा में लगे थे, पुलिस ने गिरफ्तार किया
पुलिस ने मैनपुरी के भानपुर के राम लड़ैते यादव को गिरफ्तार किया है। 61 साल के राम लड़ैते किसान हैं। परिवार में 2 बेटे और दो बेटियां हैं। पिछले करीब डेढ़ साल से भोले बाबा के सेवादार बनकर सत्संग में सुरक्षा देते हैं। हाथरस के सत्संग में राम लड़ैते आगे मंच साइड ड्यूटी दे रहे थे। 4 जुलाई की सुबह उन्हें भी घर से गिरफ्तार कर लिया गया।

हम भानपुर गांव पहुंचे। राम लड़ैते की बेटी अनुपम मिलीं। वह कहती हैं- जब वह एटा आ गए तो उनके पास फोन आया कि दुर्घटना हो गई। पापा घर आए, तब हम लोगों से भी यही बात बताई। फोन पर देखा, तब हम लोगों को भी पता चला। हमारे पापा वर्दी पहनकर सुरक्षा का काम देखते हैं। सड़क पर जाम लगे तो उसे खुलवाते हैं। हमारे घर में और कोई नहीं जाता, सिर्फ पापा ही जाते हैं।

पुलिस ने एक बार छोड़ दिया, दोबारा गिरफ्तार किया
मैनपुरी के खांकेताल गांव के राम प्रकाश शाक्य को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 61 साल के राम प्रकाश शाक्य खेती करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। राम प्रकाश शाक्य पिछले 5 साल से भोले बाबा से जुड़े हैं। जब भी खेती-किसानी से फ्री होते हैं, बाबा के आश्रम जाते हैं। वह भी सुरक्षा में खड़े होते हैं।

हम राम प्रकाश के घर पहुंचे, वहां उनकी पत्नी सत्यवती मिलीं। वह कहती हैं- गुरुवार की सुबह पुलिस वाले आए और उनको ले गए। उनसे पूछताछ की और फिर छोड़ दिया। लेकिन शाम को फिर से बुलाया और गिरफ्तार करके हाथरस भेज दिया। उनकी क्या गलती है? वह तो वाहन पार्किंग वाली जगह पर खड़े थे।

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