Published On: Sun, Nov 10th, 2024

महाराष्ट्र में महिला, युवा और किसान पर फोकस, महायुति और MVA ने किए ये खास वादे


महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की तारीख नजदीक आने के साथ ही सत्ताधारी और विपक्षी गठबंधनों यानी महायुति और महाविकास आघाड़ी (MVA) का जोर भी बढ़ता जा रहा है. ये दोनों गठबंधन राज्य में महिलाओं, किसानों और युवाओं को रिझाने की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं. दोनों गठबंधनों ने इन वर्गों के वोटर्स को आकर्षित करने के लिए योजनाएं और प्रोत्साहन शुरू किए हैं.

महाराष्ट्र के कुल 9.53 करोड़ वोटर्स में से 4.60 करोड़ महिलाएं हैं, यानी लगभग 50%… जो इस चुनाव में एक अहम फैक्टर बनने वाली हैं. मध्य प्रदेश और कर्नाटक में देखे गए रुझान के बाद महाराष्ट्र में दोनों गठबंधन महिला वोटर्स को लुभाने के लिए तमाम योजनाएं और वादे कर रहे हैं.

महिलाओं के लिए वादें
महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुति गठबंधन (बीजेपी-शिवसेना- एनसीपी) ने हाल ही में ‘लाड़की बहिन’ योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत BPL परिवारों की महिलाओं को प्रति माह ₹1,500 दिए जाते हैं. सत्ताधारी गठबंधन ने अपने घोषणापत्र में इस वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति माह करने का वादा किया है.

उधर विपक्षी एमवीए गठबंधन (कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार) ने ‘महालक्ष्मी योजना’ के तहत महिलाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और राज्य परिवहन बसों में मुफ्त यात्रा का वादा किया है.

किसानों को क्या मिलेगा?
महाराष्ट्र की सियासत में दूसरा अहम वर्ग किसान है और दोनों गठबंधनों ने कर्ज माफी का वादा किया है. महायुति ने राज्य के बजट पर बोझ डाले बिना कर्ज माफी का वादा किया है. वहीं शेतकारी सन्मान योजना की सहायता को ₹12,000 से बढ़ाकर ₹15,000 करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 20% सब्सिडी देने का भी वादा किया है.

दूसरी ओर, MVA ने कृषि समृद्धि योजना के तहत तीन लाख रुपये तक की कर्ज माफी और फसल ऋण के समय पर भुगतान करने के लिए ₹50,000 के इंसेंटिव का भी वादा किया है.

युवाओं को क्या-क्या ऑफर?
चुनाव आयोग के डेटा के अनुसार, महाराष्ट्र में इस बार 18-19 साल आयु वर्ग के 20.93 लाख मतदाता हैं, जो इस बार पहली बार वोट डालेंगे. वहीं 20-29 आयु वर्ग के 1.85 करोड़ वोटर्स हैं. ऐसे में यहां जीत-हार का फैसला करने में इन युवा वोटर्स का रोल अहम हो जाता है और यही वजह है कि महायुति और एमवीए गठबंधन ने इस वर्ग के लिए भी वादों का पिटारा खोल दिया है.

महायुति गठबंधन ने 25 लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया है, जबकि MVA ने बेरोजगार युवाओं को हर महीने 4,000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है.

MVA-महायुति के कुछ और बड़े वादे
महायुति ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए वित्तीय सहायता 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने, ग्रामीण सड़कों में सुधार करने, आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को मासिक मानदेय और हेल्थ कवर देने, बिजली बिलों में 30% की कमी करने और सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने का वादा किया.

उधर एमवीए ने 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज, मुफ्त दवा, जाति जनगणना करने और राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में चुने जाने पर आरक्षण पर 50% की सीमा हटाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जाति जनगणना की वकालत करते हुए तर्क दिया कि जहां आबादी में दलित 15% और आदिवासी 8% हैं, तो वहीं पिछड़े वर्गों के सटीक आंकड़े नहीं हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना (एकनाथ शिंदे)-NCP (अजित पवार) गठबंधन और कांग्रेस-शिवसेना (उद्धव ठाकरे)-NCP (शरद पवार) गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. यहां 20 नवंबर को वोटिंग होनी है और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

Tags: BJP, Maharashtra election 2024, Shiv sena

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