महायुति या MVA… महाराष्ट्र में किसका चमकेगा सितरा? क्या कह रहे धारावी के लोग
एशिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी एक भूलभुलैया है, लेकिन यहां एक अलग ही व्यवस्था है. जो लोग मुंबई को जानते हैं वो धारावी को भी जानते हैं. कई फिल्मों, कहानियों और अब महाराष्ट्र चुनाव की जंग में गहरी राजनीति का विषय है धारावी. इस राजनीतिक रस्साकशी के केंद्र में है पुनर्विकास परियोजना. धारावी के कई निवासियों को चिंता है कि यह परियोजना उनसे उनका घर छीन लेगी.
महाविकास आघाड़ी (MVA) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नारे ‘बटेंगे तो काटेंगे’ को ध्रुवीकरण के प्रयास के रूप में पेश किया है. एमवीए धारावी को युद्ध के मैदान के रूप में प्रदर्शित कर रहा है, जिसका उपयोग बीजेपी अपने ‘अल्पसंख्यकों को खत्म करने के मिशन’ को लागू करने के लिए करेगी.
धारावी को मोहने में जुटी कांग्रेस
इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि राज्य में चुनाव प्रचार खत्म होने में 48 घंटे से भी कम समय बचा है और इस बीच कांग्रेस ने ‘मुंबई नामा’ ब्रोशर जारी किया. ‘झुग्गी बस्तियों के परिवर्तन’ शीर्षक से जारी इस ब्रोशर में कांग्रेस ने धारावी को एक्सपोर्ट जोन बनाने का वादा किया है और कहा है कि इसके पुनर्विकास में निवासियों की इच्छाओं का सम्मान करना होगा.
धारावी और कांग्रेस के मोहब्बत का सिलसिला…
धारावी कांग्रेस परिवार का एक अहम हिस्सा रही है और रहेगी। १९८० से यहां की जनता एक अपवाद को छोड़कर, कांग्रेस को चुनती आई है।
भारतरत्न राजीव गांधी जी ने ही सबसे पहले धारावीकरों की लिए पक्के, सुविधापूर्ण घरों का सपना साकार किया था।… pic.twitter.com/bMiUGU565G
— Dr. Jyoti Eknath Gaikwad (@DrJyotiEGaikwad) November 17, 2024