Published On: Sun, Dec 15th, 2024

महाबोधि मंदिर में काग्यू मोनलम चेनमो पूजा शुरू: आध्यात्मिक गुरु करमापा की उपस्थिति से बौद्ध श्रद्धालु उत्साहित, विश्व से करीब 10 हजार बौद्ध अनुयायी पहुंचेंगे – Gaya News


विश्व शांति और सभी जीवों के कल्याण की प्रार्थना के साथ बोधगया के महाबोधि मंदिर में काग्यू मोनलम चेनमो पूजा शुरू हो गई है। रविवार को महाबोधि मंदिर परिसर में पारंपरिक और भव्य आयोजन के साथ इस विशेष पूजा का शुभारंभ हुआ। तिब्बती बौद्ध धर्म के काग्यू परंपर

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सोमवार से उनके ही नेतृत्व में पूजा होगी। इस दौरान विश्व भर से करीब 10 हजार बौद्ध अनुयायी पहुंचेंगे और पूजा का लाभ भी उठाएंगे।

17वें करमापा की उपस्थिति से बौद्ध श्रद्धालु उत्साहित।

17वें करमापा की उपस्थिति से बौद्ध श्रद्धालु उत्साहित।

करमापा की मौजूदगी से भक्तों में उत्साह

17वें करमापा थिनले थाए दोरजे का आगमन बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास पल रहा। हालांकि करमापा को शनिवार को पहुंचना था, लेकिन देर होने के कारण वे रविवार शाम पहुंचे। उनकी मौजूदगी से माहौल में उत्साह और भक्ति की ऊर्जा का संचार हो गया। सोमवार से करमापा अपने अनुयायियों को विशेष आध्यात्मिक मार्ग दर्शन देंगे।

काग्यू मोनलम चेनमो की विशेषता

काग्यू मोनलम चेनमो, तिब्बती बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण पूजा समारोह है, जिसे बीते 20 वर्षों से बोधगया में आयोजित किया जा रहा है। इस पूजा का उद्देश्य विश्व के सभी प्राणियों के लिए सुख, शांति और मोक्ष की प्रार्थना करना है। इसमें किंग ऑफ एस्पिरेशन के माध्यम से प्रार्थनाएं की जाती हैं, ताकि संसार के सभी लोग निरोग रहें, एक-दूसरे का भला करें और शांति के साथ जीवन व्यतीत करें।

कौन हैं 17 वें करमापा?

17 वें करमापा थिनले थाए दोरजे काग्यू परंपरा के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु हैं। उन्हें बौद्ध धर्म की काग्यू शाखा के प्रमुख के रूप में माना जाता है। उनकी खासियत है कि वे बौद्ध धर्म को आधुनिक संदर्भों में प्रासंगिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उनके प्रवचन और शिक्षाएं अनुयायियों के लिए गहन आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं।

भक्ति और शांति का संगम

महाबोधि मंदिर परिसर में श्रद्धालु पारंपरिक परिधानों में पहुंचे और गर्भगृह में भगवान बुद्ध को नमन कर पूजा की। यह पूजा विश्व शांति के लिए समर्पित है और बोधगया को एक बार फिर वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करती है। इस पूजा के साथ, बोधगया की आध्यात्मिक आभा और भी बढ़ गई है। करमापा की उपस्थिति ने इसे और विशेष बना दिया है, जो आने वाले दिनों में हजारों श्रद्धालुओं को प्रेरित करेगी।

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