मस्जिद पर 14 साल से था विवाद, क्यों अचानक भड़क उठे हिंदू; शिमला बवाल की वजह
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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपगर संजौली का मस्जिद विवाद मुद्दा पूरे देश में छाया हुआ है। मस्जिद में हुए अवैध निर्माण से हिंदू समाज में भारी आक्रोश है। बुधवार को हिंदू समुदाय के हजारों लोगों ने खूब बवाल काटा। बैरिकेडिंग तोड़ते हुए भीड़ मस्जिद के करीब तक पहुंच गई। इस दौरान लाठीचार्ज, पथराव और वॉटर कैनन के इस्तेमाल से पूरा इलाका जंग का मैदान बना रहा।
दिलचस्प यह है कि संजौली की जिस मस्जिद पर बवाल मचा है, उसके अवैध निर्माण का मामला 14 साल पुराना है और शिमला नगर निगम की अदालत में लंबित है। हाल ही में एक मारपीट की घटना के बाद यह मुद्दा जोरशोर से उठ गया। ना सिर्फ भाजपा बल्कि कांग्रेस के भी कई नेता मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने और बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की जांच-पड़ताल बढ़ाने का समर्थन कर रहे हैं।
क्यों अभी भड़की चिंगारी
शिमला का मल्याणा क्षेत्र कुसुंपटी विधानसभा के अंतर्गत आता है और कांग्रेस मंत्री अनिरूद्व सिंह यहां के विधायक हैं। अगस्त माह के दूसरे पखवाड़े में मल्याणा में एक दुकान करने वाले 37 वर्षीय विक्रम सिंह के साथ एक युवक और उसके दोस्तों ने मारपीट की थी। मारपीट करने वाले युवक मुस्लिम से हैं। वे बाहरी राज्य के मूल निवासी हैं और शिमला में छोटा-मोटा कारोबार करते हैं। दोनों पक्षों के बीच थोड़ी कहासुनी हुई, जो मारपीट में बदल गई थी। आरोपियों ने विक्रम सिंह पर डंडे और रॉड से वार किया। जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया था। विक्रम सिंह के सिर पर करीब 14 टांके लगे। ढली पुलिस ने इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों में दो नाबालिग थे।
मारपीट के बाद मस्जिद में छिपे आरोपी
आरोप है कि वारदात करने के बाद ये आरोपी मस्जिद में आकर छिप गए। उसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली में प्रदर्शन किया और मस्जिद को अवैध बताते हुए गिराने की मांग की गई। बीते दो सितंबर को लोग संजौली की विवादित मस्जिद के सामने पहुंचे और मस्जिद के सामने वहां पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। हिंदू संगठनों के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने इस मस्जिद में अवैध निर्माण का मुददा उठाया और इसे गिराने की प्रशासन से मांग की। इसके बाद यह मामला सियासी तुल पकड़ने लगा। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में भी यह मामला प्रमुखता से उठा।
सुक्खू सरकार के मंत्री अनिरुद्ध ने मस्जिद को बताया अवैध
सुक्खू सरकार के मंत्री व कुसुंपटी के कांग्रेस विधायक अनिरूद्व सिंह ने विधानसभा में कहा कि यह पूरी मस्जिद ही अवैध है। यह हिमाचल सरकार की जमीन पर बनी है। उन्होंने विधानसभा में यह भी कहा कि बाहर से आ रहे लोग शिमला का माहौल खराब कर रहे हैं। उन्होंने लव जिहाद की बात भी कही और शिमला में रोहिंग्यों के होने का भी जिक्र किया।
ढाई मंजिल की थी अनुमति, खड़ी कर दीं गई पांच मंजिला
संजौली की इस विवादित मस्जिद का मामला नगर निगम की कोर्ट में 2010 से चल रहा है। खास बात यह है कि तब से लेकर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन किसी भी सरकार के कार्यकाल ने इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। इस पूरे मामले में नगर निगम के अधिकारियों की भी लापरवाही मानी जा रही है। दरअसल नगर निगम की कोर्ट में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बार-बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन फिर भी चार से पांच मंजिल अवैध तरीके से खड़ी हो गईं।
नगर निगम प्रशासन पर यह भी आरोप है कि अवैध निर्माण होने पर बिजली पानी का कनेक्शन क्यों नहीं काटा गया। मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान ने कोर्ट में बताया कि वर्ष 2012 तक मस्जिद दो मंजिला थी। इसके बाद यहां अवैध निर्माण हुआ। हैरत की बात यह भी है कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन था, तब मस्जिद में अवैध निर्माण कैसे हो गया। मस्जिद की जगह पर भी विवाद है। कैबिनेट मंत्री अनिरूद्व सिंह ने विधानसभा में बयान दिया था कि यह मस्जिद हिमाचल सरकार की जमीन पर बनी है। हालांकि वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में दावा किया कि मस्जिद का निर्माण उनकी जमीन पर हुआ है। बहरहाल मामले की कोर्ट में आगामी पांच अक्टूबर को सुनवाई होगी।