मसालों में केमिकल विवाद के बीच बोर्ड का एक्शन, अब निर्यातकों के लिए नई गाइडलाइन

मसाला बोर्ड ने भारत से आयात किए जाने वाले उत्पादों में कैंसरजनक केमिकल एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) का इस्तेमाल रोकने के लिए निर्यातकों को गाइडलाइन जारी किए हैं। कुछ मसाला उत्पादों पर हाल ही में कुछ देशों के गुणवत्ता संबंधी चिंता जाहिर किए जाने के बीच यह कदम उठाया गया है।
क्या है गाइडलाइन
गाइडलाइन के मुताबिक निर्यातकों को मसालों में ईटीओ रसायन के इस्तेमाल से बचना होगा। इसके साथ ही उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि ट्रांसर्पोटेशन, स्टोरेज/गोदाम, पैकेजिंग सामग्री सप्लायर किसी भी स्तर पर इस रसायन का उपयोग न करें। इसमें कहा गया कि निर्यातकों को सप्लाय चेन में मसालों, मसाला उत्पादों में ईटीओ और इसके मेटाबोलाइट की अनुपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने होंगे।
क्यों आई यह नौबत
ये गाइडलाइन हांगकांग और सिंगापुर द्वारा लोकप्रिय मसाला ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद जारी किए गए हैं। इनके उत्पादों में कैंसरकारी रसायन एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने के बाद उत्पादों को दुकानों से वापस मंगाया गया है।
कौन-कौन से मसाले पर प्रतिबंध
हांगकांग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने उपभोक्ताओं से एमडीएच के मद्रास करी पाउडर (मद्रास करी के लिए मसाला मिश्रण), एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिश्रित मसाला पाउडर और एमडीएच करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर को न खरीदने और व्यापारियों को न बेचने के लिए कहा था। बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत का मसाला निर्यात कुल 4.25 अरब अमरीकी डॉलर था, जो वैश्विक मसाला निर्यात का 12 प्रतिशत है।
निर्यात प्रभावित होने का डर
मसालों पर उठे सवाल के बीच आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक रिपोर्ट में कहा था कि इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया- महत्वपूर्ण बाजारों में 70 करोड़ डॉलर का निर्यात दांव पर लगा है। कई देशों में नियामकीय कार्रवाई से संभावित रूप से मसाला निर्यात में आधे का नुकसान हो सकता है। इसने कहा कि भारत को गुणवत्ता संबंधी मुद्दों को जल्द और पारदर्शिता के साथ समाधान करने की आवश्यकता है।