ममता बोलीं- NDA सरकार अस्थिर, कार्यकाल पूरा करना मुश्किल: संविधान हत्या दिवस की घोषणा पर कहा- मोदी के समय में सबसे ज्यादा इमरजेंसी लगाई जा रही

मुंबई31 मिनट पहले
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ममता ने शुक्रवार को मुंबई में उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री में उनसे मुलाकात की। यह लोकसभा चुनावों के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा-नेतृत्व वाली NDA सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी क्योंकि यह सरकार स्थिर नहीं है। जब उनसे ऐसा कहने की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि खेला शुरू हो गया है। यह जारी रहेगा।
ममता ने यह बात शुक्रवार को मुंबई में उद्धव ठाकरे से उनके आवास मातोश्री में मुलाकात के दौरान कही। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वे ठाकरे के लिए प्रचार करेंगीं। शिवसेना (UBT) और तृणमूल कांग्रेस INDIA ब्लॉक में साझेदार हैं। यह लोकसभा चुनावों के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी।
बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी में शामिल होने मुंबई पहुंचीं ममता ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के अध्यक्ष शरद पवार से भी मुलाकात की। ये मुलाकात दक्षिण मुंबई स्थित पवार के निवास ‘सिल्वर ओक’ पर हुई।

अनंत अंबानी-राधिका मर्चेंट की शादी में शामिल होने जियो वर्ल्ड सेंटर पहुंचीं ममता बनर्जी।
ठाकरे बोले- ये राजनीतिक नहीं, पारिवारिक मुलाकात
हालांकि ठाकरे ने ममता के साथ बैठक को राजनीतिक की बजाय पारिवारिक मुलाकात बताया। ठाकरे ने पत्रकारों से कहा, हमारे बीच भाई-बहन का रिश्ता है। वह पहले भी मेरे घर आ चुकी हैं। यह एक पारिवारिक मुलाकात थी। कृपया इसे राजनीति से न जोड़ें। अगर मुझे कुछ कहना है, तो मैं खुलकर कहता हूं। मुझे डर नहीं है।
ममता बोलीं- हम आपातकाल का समर्थन नहीं करते
बनर्जी ने 25 जून को आपातकाल की घोषणा के दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की केंद्र की घोषणा पर भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा, हम आपातकाल का समर्थन नहीं करते… (लेकिन) सुधार अपने घर से शुरू होता है।
ममता ने कहा कि मोदी के कार्यकाल में सबसे ज्यादा आपातकाल लगाया जा रहा है। वे भारतीय दंड संहिता (IPC) को बदलकर भारतीय न्याय संहिता (BNS) लाए हैं। कोई यह समझ नहीं पाएगा कि उन्होंने क्या बदला है। सभी डरे हुए हैं।
ममता बोलीं- उद्धव से शिवसेना नाम और प्रतीक चिह्न लेना अनैतिक था
ममता ने यह भी कहा कि शिंदे गुट द्वारा ठाकरे गुट से शिवसेना नाम और प्रतीक लेना पूरी तरह से अनैतिक था, लेकिन पार्टी ने बाघ की तरह लड़ाई लड़ी। दरअसल, शिवसेना जून 2022 में विभाजित हुई थी और पार्टी का नाम और ‘धनुष और तीर’ प्रतीक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को दे दिया गया।