मणिपुर पुलिस-विधायकों के घर हमला करने वाले 8 उग्रवादी गिरफ्तार: मैतेई-कुकी संगठनों के चीफ NIA के रडार पर; मेघायल सीएम बोले- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगे
इंफाल7 मिनट पहले
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मणिपुर में सुरक्षा बल लगातार उपद्रवियों की तलाश कर रहे हैं।
मणिपुर में पुलिस और विधायकों के घर तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले 16 नवंबर को इंफाल वेस्ट के पटसोई पुलिस ने विधायकों के घर आग लगाने के आरोप में एक आरोपी को पकड़ा था। बाकी को 27 नवंबर को गिरफ्तार किया गया।
उधर, मणिपुर में हाल में हुई हिंसक घटनाओं के बाद मैतेई संगठन अरामबाई टेंगोल के सुप्रीमो कोरो नगनबा खुमान और कुकी संगठन के प्रमुख NIA की रडार पर हैं। NIA मणिपुर में सुरक्षा बलों पर हमलों और IED विस्फोट के चार मामलों की जांच कर रही है। इनमें इंफाल में फर्स्ट मणिपुर राइफल्स कैंपस से हथियार और गोला-बारूद की लूट, मोरेह में चौकी पर हमला और बिष्णुपुर में IED विस्फोट शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने हाल ही में NIA को चारों मामलों की जांच करने कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इन मामलों को इंफाल की NIA कोर्ट से गुवाहाटी की NIA स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है।
मैतेई समुदाय की 6 महिलाओं और बच्चों के शव नदियों में पाए जाने के बाद गुस्साई भीड़ ने इंफाल घाटी में कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। 11 नवंबर को जिरीबाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद कुकी उग्रवादियों ने 6 लोगों का अपहरण कर लिया था। बाद में हुई गोलीबारी में दस कुकी विद्रोही भी मारे गए थे।
मणिपुर का मिजोरम CM लालदुहोमा काे जवाब- अच्छे पड़ोसी बनें
- मणिपुर सरकार ने शनिवार को मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि एन. बीरेन सिंह राज्य और उसके लोगों, साथ ही बीजेपी के लिए बोझ हैं। उनके प्रशासन की तुलना में राष्ट्रपति शासन भी बेहतर होगा। वह 18 महीने से मणिपुर में हो रही हिंसा को रोकने में असमर्थ हैं।
- दरअसल, मणिपुर हिंसा को लेकर लालदुहोमा ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह पर निशाना साधा था। इसी बयान पर मणिपुर सरकार ने कहा- अपनी टिप्पणियों से नफरत और विभाजन की आग भड़काने के बजाय, वे एक अच्छे पड़ोसी बनकर बेहतर राजनेता बनें।
- मणिपुर सरकार ने कहा – भारत को म्यांमार, बांग्लादेश के निकटवर्ती क्षेत्रों को मिलाकर कुकी-चिन ईसाई देश बनाने के एजेंडे से सावधान रहना चाहिए। यह बयान मणिपुर के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है और राष्ट्रीय एकता को चुनौती मिल सकती है।
- सरकार ने कहा- मिजोरम CM ने मनगढ़ंत कहानियों और इतिहास के जरिए गलत बयान दिए हैं। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि मणिपुर का लंबा इतिहास और समृद्ध संस्कृति हजारों साल पुरानी है, जबकि मिजोरम कुछ दशकों पहले ही असम से अलग हुआ था।
- मिजोरम CM लालदुहोमा पहाड़ी जिलों में गांवों की संख्या बढ़ने के कारणों को स्पष्ट रूप से समझने में असमर्थ थे, जो कि कुकी-बहुल हैं, या जहां बड़ी संख्या में कुकी आबादी है।
नशीली दवाओं की तस्करी के खतरे पर ध्यान दें मिजोरम के सीएम मणिपुर सरकार ने मिजोरम के मुख्यमंत्री को चेतावनी दी है। सरकार ने कहा उन्हें मणिपुर सरकार के कानूनी कदमों पर टिप्पणी करने के बजाय मिजोरम में नशीली दवाओं की तस्करी के खतरे पर ध्यान देना चाहिए। मणिपुर सरकार ने यह भी कहा कि वे राज्य में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। राहत शिविरों में रहने वाले 60,000 से अधिक लोगों को सहायता प्रदान किया जा रहा हैं।
मणिपुर में एक साल से भी ज्यादा समय से हिंसा जारी मणिपुर में पिछले एक साल से अधिक समय से हिंसा हो रही है। पिछले साल मई से इंफाल घाटी स्थित मेइतीस और निकटवर्ती पहाड़ी स्थित कुकी-ज़ो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं। वहीं इस हिंसा में हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
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मणिपुर में फिर से हिंसा का दौर शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में फिर से हिंसा पी चिदंबरम की नीतियों के कारण शुरू हुई है।
बीरेन सिंह ने चिदंबरम की एक पुरानी तस्वीर दिखाते हुए कहा- मणिपुर में ताजा हिंसा म्यांमार से आए अवैध अप्रवासियों के कारण हो रही है। ये ड्रग्स के व्यापार के लिए मणिपुर आए और अब पूरे नॉर्थ-ईस्ट को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें …